टैग : ख़त्म होती मानवीय संवेदना
संवेदना का अकाल
क्या हमारी संवेदनाएँ ख़त्म हो गयी है? कोविड ने मरने का जितना भय दिया, उतना मरने का भय छीन भी लिया है, एक-दूसरे के प्रति संवेदशीलता...
क्या हमारी संवेदनाएँ ख़त्म हो गयी है? कोविड ने मरने का जितना भय दिया, उतना मरने का भय छीन भी लिया है, एक-दूसरे के प्रति संवेदशीलता...