संयुक्त परिवार में एडजस्ट होने के 9 टिप्स

संयुक्त परिवार में एडजस्ट होने के 9 टिप्स

अभी के समय में जहां बेटे बाहर नौकरी कर रहे हैं, शादी के बाद वहीं सेटल हो रहे हैं। कुछ कपल प्राइवेसी को महत्व देते हुए अलग हो रहे हैं। ऐसे में संयुक्त परिवारों की संख्या भी कम होती जा रही है। फिर भी ऐसे कई लोग हैं, जो आज भी संयुक्त परिवार में रहते हैं और रहना भी चाहिए। संयुक्त परिवार में रहने के अपने अलग फायदे हैं

हालांकि लड़कियां शादी के पहले ये सोचकर ही घबरा जाती हैं कि संयुक्त परिवार है, इतने सारे लोग हैं, कैसे एडजस्ट करूंगी? अगर आप भी ऐसे ही किसी परिवार का हिस्सा बनने वाली हैं या बन चुकी हैं और आपको एडजस्ट होने में दिक्कत आ रही हैं, तो इन सुझावों को जरूर आजमाएं। आपको जरूर मदद मिलेगी।

1. बड़ों से बात कर तय करें अपनी जिम्मेदारी

लड़कियों के दिमाग में यह बात फिट हो गयी है कि संयुक्त परिवार में रहना यानी ढेर सारा काम करना। उन्हें यह समझना चाहिए कि संयुक्त परिवार में काम अगर ज्यादा है, तो काम करने वाले भी तो ज्यादा हैं। इस तरह काम बंट जाता है। ऐसे में हर कोई अपनी-अपनी जिम्मेदारी तय कर लें, तो काम आसानी से हो जाता है। अगर आप नई-नई ऐसे घर में गयी हैं, तो शुरुआत में सारे काम देखें, सीखने की कोशिश करें। फिर तय करें कि आपको कौन-सा काम करना जमेगा। घर के बड़े आपको कौन-सी जिम्मेदारी देते हैं।

अगर आपको उस काम को करने में दिक्कत हो रही हो, तो बड़ों से बात करें। वे या तो आपको काम सीखने में मदद करेंगे या फिर काम बदल देंगे। कभी भी ऐसा न करें कि मैं कोई भी काम नहीं करूंगी। मैंने आजतक किया नहीं है। आपको घर में सब से मिलकर रहना है, तो उनका काम भी बांटना होगा। तभी वे आपको अपनायेंगे।

2. सभी से आगे बढ़ कर बातें करें

संयुक्त परिवार में ढेर सारे लोग होते हैं, रिश्ते होते हैं इसलिए आपको सभी से जुड़ने में वक्त लगेगा। धीरे-धीरे सभी से बात करने की कोशिश करें। देखें कि किस व्यक्ति से किस विषय पर बात की जा सकती हैं। किनके शौक क्या हैं। कभी ऐसा न सोचें कि फलां तो हमेशा मुंह फुलाए दिखती है, तो उससे बात करने कौन जाये या फलां की उम्र मुझसे बहुत ज्यादा है। उनसे किस विषय पर बात करूंगी। आपको सभी के पास जा-जाकर बैठना होगा। बातें करनी होगी। तभी आप सभी को जान पायेंगी। उनकी करीबी बन पायेंगी

जब आपकी सभी से जमने लगेगी तो आपको घर में कभी बोरियत नहीं होगी। अक्सर लड़कियां ससुराल जाने के बाद अपने कमरे में ही बैठी रहती हैं। फोन पर बिजी रहती हैं, काम करती रहती हैं या टीवी देखती रहती हैं। उनकी इच्छा ही नहीं होती कि कमरे से बाहर निकलकर घरवालों से घुला-मिला जाये। यहीं पर वो सबसे बड़ी गलती करती हैं। याद रखें, शादी का मतलब सिर्फ पति से जुड़ना नहीं होता। पूरे परिवार को अपना बनाना पड़ता है।

3.पति के साथ भी गुजारें क्वालिटी टाइम

संयुक्त परिवार होने पर अक्सर लड़कियों को ये शिकायत होती है कि उन्हें पति के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का मौका नहीं मिलता। वे दिनभर हमेशा परिवार के लोगों के बीच ही रहते हैं। सिर्फ रात को ही बात करने का वक्त मिलता है। लड़कियों को ये शिकायत न हो, इसके लिए परिवारवालों को थोड़ा समझदार बनना होगा और पति को भी।

संयुक्त परिवार में रहने का ये बिल्कुल मतलब नहीं है कि पूरा दिन ही परिवार को दे दिया जाये। पत्नी को भी आप समय दें। दिन में सबके साथ रहते हुए भी थोड़ा वक्त पत्नी के लिए निकालें। उसकी तारीफ करें। उससे बातें करें। पूरे परिवार के साथ भले ही पिकनिक हो, लेकिन कभी-कभी सिर्फ पति-पत्नी भी घूमने जाएंगे, तो संयुक्त परिवार में रहना पत्नी को कभी नहीं खलेगा। अगर आपके पति ये सब नहीं समझते, तो आप एक बार बैठकर उनसे ये सारी बातें करें। उन्हें प्यार से समझाएं कि परिवार के साथ रहना आपको भी पसंद है, लेकिन सिर्फ आप दोनों का अकेले साथ घूमना-फिरना, समय बिताना भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है।

4. इधर की उधर करने की गलती न करें

संयुक्त परिवार में जब अलग-अलग स्वभाव के इतने सारे लोग एक साथ रहते हैं, तो झगड़ा होता ही है। इसलिए अगर आप नई-नई घर में आयी हैं, तो बेहतर होगा कि झगड़े में घुसे ही नहीं। झगड़ा जिन लोगों के बीच हुआ है, उनसे बात भी हो तो इधर की बात उधर बिल्कुल न करें। आप सभी से बना कर रखें।

याद रखें कि आप परिवार में नई हैं। आपको सभी का एक-दूसरे से रिश्ता, आपसी समझ, झगड़े की वजह, गहराई, बीती बातें कुछ भी नहीं पता है, इसलिए बेहतर है कि इन सब में न उलझें। क्योंकि ऐसा न हो कि बाद में सब घुल-मिल जाएं और आप बुरी बन जाएं। आप बस पति से बात कर मामला समझने की कोशिश कर सकती हैं।

5. सॉरी और थैंक्यू को बनाएं जिंदगी का हिस्सा

आप परिवार में नई हैं, इसलिए जाहिर सी बात है कि आपसे गलतियां बहुत होंगी और आपको नई चीजें भी बहुत सारी सीखनी होंगी। इसलिए बेहतर है कि जब भी गलती हो, सॉरी बोल दें और जब भी कोई आपकी मदद करें, कुछ सिखाए, उसे थैंक्यू बोलें।

ये दो शब्द दिखने में छोटे हैं, लेकिन जादुई हैं। कई बार ऐसे मौके भी आयेंगे, जब आपको लगेगा कि आपकी गलती नहीं है और सॉरी सामनेवाले को बोलना चाहिए, लेकिन यकीन मानिए कि यह जिद आपका पूरे परिवार के साथ रिश्ता बिगाड़ देगी। कई बार परिवार को बांध कर रखने के लिए गलती न होते हुए भी सॉरी बोलना पड़ता है। इसलिए सॉरी बोलकर बात खत्म करें।

6. दोस्त बनाने से सब होगा आसान

संयुक्त परिवार में अपनी उम्र के लोगों को अगर आप दोस्त बना लेंगी तो आपको घर में एडजस्ट होने में कोई दिक्कत नहीं आयेगी। ये दोस्त आपको घर के सभी लोगों का स्वभाव भी बताते जायेंगे और आपकी हर काम में मदद भी करेंगे। इस तरह आपको परिवारवालों को समझने में आसानी होगी

आपको कोई चीज समझ नहीं आयेगी तो आप अपनी इस दोस्त से पूछ सकेंगी। आप उसके साथ घूम-फिर सकेंगी। दिल की बात कह सकेंगी, तो आपको ये नया घर भी अपना-अपना-सा लगेगा। आपका मन लगा रहेगा।

7. बच्चों को संभालने में मम्मियों की करें मदद

संयुक्त परिवार में बच्चे की परवरिश करना बहुत आसान होता है। बच्चे की जरूरतों को पूरा करने के लिए, खेलने के लिए बहुत सारे लोग होते हैं। ऐसे में अगर आप जॉब करती हैं, तो आपको बच्चे को संभालने की चिंता नहीं होती। जॉब न भी करें, तो भी बच्चा रिश्तों का महत्व समझता है। लोगों से घुलने-मिलने की उसकी क्षमता विकसित होती है। घर में और भी बच्चे होते हैं, तो वह बाहर दोस्त नहीं बनाता।

संयुक्त परिवार में रहने के ऐसे ही कई फायदे होते हैं। इसलिए अगर अभी आप मां नहीं भी बनी हैं, तो भी घर के दूसरों बच्चों को संभालने में उनकी मम्मियों की मदद करें ताकि जब आपकी बारी आये तो वे भी आपकी मदद दिल खोलकर करें। आप उनके बच्चों को नहलाने, खाना खिलाने, में मदद करें। बच्चों के साथ खेलें। इससे आपका भी बच्चों को संभालने की अनुभव बढ़ेगा। इस तरह आप उनकी मम्मियों का दिल भी जीत लेंगी।

8. बातचीत कर गलतफहमी करें दूर

एक बात जरूर है कि संयुक्त परिवार में गलतफहमियां बहुत जल्दी पनपती है। ज्यादा लोग होने के कारण ऐसा होता है। कई बार हम सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा करके किसी से नाराज हो जाते हैं, उनके बारे में गलत राय बना लेते हैं। परिवार में भी कुछ लोग ऐसे होते ही हैं, जो इधर की उधर कर देते हैं। बातों को घुमाकर बोलते हैं।

किसी ने आपके बारे में कुछ कह दिया तो आपको वह बात मसाला लगाकर बताते हैं। ऐसे में गलतफहमियां हो ही जाती हैं। परिवार वालों में दूरी आती है, इसका असर हमारे कामकाज पर भी दिखने लगता है। ऐसे में बेहतर है कि किसी भी कही-सुनी बात पर यकीन न करें। जिससे भी कोई शिकायत हो, उससे सीधे-सीधे बात करें। किसी तीसरे को बीच में न आने दें। साफ बात कर के गलतफहमी दूर करें। गिला-शिकवा खत्म करें। बातचीत कभी भी बंद न करें।

9. सभी के साथ शेयर करना सीखें

जब भी खाने-पीने की कोई चीज खरीद कर लाएं तो सभी के लिए लाएं। कभी भी ये गलती न करें कि खाने की चीज खरीद कर लाई और चुपके से अपने रूम में खा ली। ऐसी हरकतें आपको परिवारवालों से दूर करेंगी। जब आप सभी के लिए चीजें लायेंगी। मिल-बांटकर खायेंगी। सभी की परवाह करेंगी, तो वे भी आपकी परवाह करेंगे। आपके साथ अपनी चीजें बांटेंगे।

कभी-कभी अपने लिए ईयररिंग, चूड़ियां, साड़ी, सूट आदि खरीदते हुए अपनी देवरानी, जेठानी या ननद के लिए भी खरीद लें। उन्हें बीच-बीच में तोहफे दें। इससे उन्हें भी अच्छा लगेगा कि आपने शॉपिंग के वक्त उन्हें याद रखा। उनकी चिंता की।