कैसा हो देवरानी-जेठानी का रिश्ता?

कैसा हो देवरानी-जेठानी का रिश्ता?

ससुराल में सबसे ज्यादा झगड़े जिनके बीच होते हैं, वो है सास-बहू की जोड़ी। इस रिश्ते में झगड़ा होना कई बार स्वाभाविक भी माना जाता है, क्योंकि जनरेशन गैप होता है। लेकिन जब बात देवरानी-जेठानी की हो, तो यहां जनरेशन गैप को भी दोष नहीं दिया जा सकता, क्योंकि दोनों ही एक ही जनरेशन की होती हैं। दोनों किसी और घर से आई होती हैं, दोनों को नये घर में एडजस्ट करना होता है। ऐसे में कई बातें कॉमन होने के बावजूद दोस्ती तो नहीं, उल्टा झगड़ा होने लगता है।

आइए आज हम जानते हैं कि देवरानी-जेठानी के बीच रिश्ता कैसा हो?

1. व्यवहार से विश्वास दिलाएं कि आप बनेगी बेस्ट फ्रेंड

जेठानी ससुराल में पहले से मौजूद होती है। ऐसे में जब देवर की शादी होने वाली होती है, तो वह पॉजीटिव और नेगेटिव दोनों तरह से सोचती है। एक तरफ उसे डर रहता है कि अब नयी बहू पर ही सब ज्यादा ध्यान देंगे। मुझे कोई नहीं पूछेगा क्योंकि मैं पुरानी हो गयी हूं। वहीं दूसरी तरफ वह यह सोचती है कि अच्छा है, अब मुझे काम में मदद करने के लिए वो होगी। हम मिलकर काम करेंगे। घूमेंगे-फिरेंगे। मैं उसे अपने दिल की बात बताऊंगी। वगैरह-वगैरह।

वहीं जो देवरानी बनकर आने वाली है, वो भी पॉजीटिव और नेगेटिव दोनों तरह से सोच रही है। एक तरफ उसे लगता है कि जेठानी पहले से वहां है, तो मुझ पर रौब जमायेगी। सारा काम करवायेगी। उसकी ही घर में चलती होगी। वहीं दूसरी ओर वह सोचती है कि चलो, पहले से मेरी उम्र की कोई उस घर में है, तो वह मुझे घर में एडजस्ट होने में मदद करेगी। सभी लोगों का स्वभाव, पसंद-नापसंद समझने में मदद करेगी। उनसे बिना डरे मैं बात कर सकूंगी।

इस तरह दोनों के अंदर पॉजीटिव व नेगेटिव भाव चल रहे होते हैं। बस गड़बड़ तब शुरू होती है, जब साथ रहने के दौरान नेगेटिव भाव हावी हो जाते हैं। इसकी शुरुआत एक गलती से हो जाती है और फिर मनमुटाव बढ़ते ही जाता है। दोनों को कोशिश करनी होगी कि सामनेवाले के नेगेटिव विचारों को हवा न देकर पॉजिटिव विचारों को बढ़ावा दें। उन्हें विश्वास दिलाएं कि आप उनकी बेस्ट फ्रेंड बनना चाहती हैं। कोई कॉम्पीटिशन नहीं है।

2. बात करने से ही झगड़े सुलझेंगे

देवरानी और जेठानी दोनों ही अलग-अलग फैमिली बैकग्राउंड से आती हैं। रहन-सहन, पसंद-नापसंद, स्वभाव सब अलग-अलग होता है। अब जबकि दोनों को साथ में एक परिवार की तरह रहना पड़ता है, तो थोड़े-बहुत झगड़े हो ही जाते हैं। बस दोनों को कोशिश करनी चाहिए कि झगड़े हुए भी तो थोड़ी देर के लिए हो। उन्हें इतना न बढ़ा दें कि घर टूटने की नौबत आ जाये। इसके लिए दोनों को तय करना चाहिए कि जब भी किसी बात का बुरा लगे, कोई बात पसंद न आये, तो साफ-साफ बात कर इस मसले को सुलझा लें। हो सकता है कि गलतफहमी के चलते झगड़ा हुआ है। ऐसे में अगर बात बंद कर देंगे, तो गलतफहमी दूर नहीं होगी। बेहतर है कि समझदारी से बैठकर बात कर गिले-शिकवे दूर करें और दोबारा सामान्य व्यवहार करने लग जाएं

3. काम बांटने के बावजूद एक-दूसरे की करें मदद

देवरानी-जेठानी में कामों को लेकर भी बहुत झगड़े होते हैं। कई घरों में काम बांट दिया जाता है कि सुबह का खाना एक बहू बनाएं और शाम का दूसरी बहू। या सब्जी-दाल एक बहू बनाया करे और रोटियां दूसरी बहू, लेकिन इन कामों को बांट देने के बावजूद दोनों में झगड़े हो ही जाते हैं। कभी एक ने सब्जी बिगाड़ दी या दूसरी ने रोटी जला दी, तो फिर ताने शुरू हो जाते हैं कि मैं अपना काम ठीक से करती हूं, लेकिन ये अपना काम ठीक से नहीं करती। इन सब का हल यही है कि गलती दोनों से हो सकती है। किसी से भी काम में गलती हुई, कोई चीज बिगड़ गयी या किसी कारण से वो काम नहीं कर पायी, तो गुस्सा न हों। एक-दूसरे की मदद कर दें। आज आप उसके बीमार होने पर या उसके कहीं बाहर जाने के कारण उसके हिस्से काम कर लेंगी, तो अगली बार वह भी आपके हिस्से का काम आपकी गैरमौजूदगी में या बीमार होने पर करेगी। इस तरह समझदारी दिखायेंगी, तो झगड़े कभी नहीं होंगे।

4. एक-दूसरे की कमियों को सभी को न बताएं

कमियां हर किसी में होती हैं। ऐसे में एक घर में रहते हुए देवरानी को जेठानी की और जेठानी को देवरानी की कमियों के बारे में अच्छी तरह पता होता है। बात तब बिगड़ती है, जब दोनों एक-दूसरे की कमियां अपने-अपने मायके में या किसी और को बताने लगते हैं। कई बार वो सास से बातों-बातों में एक-दूसरे की कमी कह जाते हैं और सास भी नासमझी में दूसरी बहू को जाकर यह बता देती है कि वह तुम्हारे बारे में यह सोचती है। ऐसे मामले तब और गंभीर हो जाते हैं। बेहतर होगा कि सास से भी बुराई न करें, क्योंकि हो सकता है कि आज आप सास की फेवरेट हैं, कल वो उनकी फेवरेट हो जाये। इस तरह बात इधर की उधर होगी तो आप दोनों एक-दूसरे का सामना नहीं कर पायेंगी

5. एक-दूसरे के साथ टाइम स्पेड करें

हो सकता है कि आपके शौक मिलते न हों, लेकिन आपको फिर भी ज्यादा से ज्यादा समय साथ बिताना चाहिए ताकि एक-दूसरे को समझ सकें। ऐसा न हो कि वो दिनभर अपने कमरे में रहे और आप अपने कमरे में। वो छुट्‌टी वाले दिन मायके चली जाये, तो आप दूसरी छुट्‌टी आने पर शॉपिंग करने। इस तरह छुट्‌टी होने के बावजूद आप साथ समय न बिता पायें। आपको तो किचन में मिलकर काम करना चाहिए। साथ सब्जी लेने जाना चाहिए। टीवी देखना चाहिए। घूमने जाना चाहिए। बस इतना ध्यान रखें कि इतनी ज्यादा बाचतीत भी न हो कि अपने राज उसे बता दें, मसलन शादी के पहले बॉयफ्रेंड था या मेरे पति का स्वभाव ऐसा है। कहीं बाद में झगड़ा हुआ, तो वह इस राज का फायदा उठा सकती हैं।

6. इन टिप्स को जरूर अपनाएं

  • यह ठान लें कि घर का माहौल ठीक रखना है।
  • किसी भी बात का बुरा लगे तो तुरंत बात कर मामला सुलझाएं।
  • एक-दूसरे को सॉरी बोलने में, माफ करने में झिझके नहीं।
  • एक-दूसरे के कामों में हाथ बंटाएं।
  • अगर एक बहू ऑफिस जाती है, तो बाहर के काम करने की जिम्मेवारी वह ले। जैसे की सब्जी लाना, बिल भरना।
  • बच्चों को संस्कार दें कि साथ मिल-जुलकर रहें। आप दोनों में झगड़े हो तो उन्हें एक-दूसरे से दूर न करें।
  • साथ बैठकर गॉसिप न करें। खासकर अपने पति और सास की बुराई तो एक-दूसरे से बिल्कुल न करें।
  • जब भी बाहर से कुछ खाने-पीने की चीज लाएं तो आपस में बांटकर, मिलकर खाएं। अपने कमरे में चुपके-चुपके न खाएं।
  • अपना मन किसी क्रिएटिव काम में लगाएं ताकि फालतू की बातें न हों।
  • अपने पति व देवर में या अपने पति व जेठ में खाने-पीने को लेकर भेदभाव न करें। ऐसा न करें कि पति के टिफिन में दही, खीर भर रहे हैं और देवर या जेठ के टिफिन में रूखी सब्जी-रोटी।
  • एक-दूसरे के बच्चों को भी बराबर प्यार दें। ऐसा न हो कि गलती अपने बच्चे की हो और डांट देवरानी के बच्चे को दें।
  • एक-दूसरे के मायकेवालों को भी बराबर सम्मान दें। हालचाल पूछें। मायरे से कोई घर आये तो खाने-पीने का ख्याल रखें।

जब दो सगी बहनों में झगड़े होते रहते हैं, तो देवरानी और जेठानी तो खून का रिश्ता भी नहीं होता और ऊपर से दोनों अलग-अलग परिवार से आयी होती है। ऐसे में एक जैसे स्वभाव व समझदारी की उम्मीद करना ठीक नहीं है। बस याद रखें, जब देवरानी अपनी जेठानी को सम्मान दे और जेठानी अपनी देवरानी को स्नेह, तो झगड़े नहीं होंगे