
हमें दूसरों का मजाक क्यों नहीं उड़ाना चाहिए?
किसी का मजाक उड़ाने से पहले ये पढ़ लें
हम सभी अपने दोस्तों, ऑफिस के साथियों, घरवालों, रिश्तेदारों के साथ हंसी-मजाक करते हैं। कभी कोई अपना मजेदार किस्सा सुनाता है तो कभी कोई भाई-बहन की बचपन की किसी आदत को याद दिला कर हंसाता है। कोई हीरो की मिमिक्री करता है, तो कोई जोक सुनाता है।
इस मस्तीभरे माहौल में कई बार हम किसी व्यक्ति विशेष की ऐसी चीज का मजाक उड़ा देते हैं, जिसे लेकर वो खुद परेशान है। हम ध्यान ही नहीं देते कि हम क्या बोल रहे हैं। कुछ लोग अनजाने में गलत बोल जाते हैं, तो कुछ जान-बूझकर मजाक उड़ाते हैं। हंसना-हंसाना तो हम सभी को चाहिए, लेकिन किस व्यक्ति पर हंस रहे हैं और किस बात पर हंस रहे हैं, इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
किस तरह शारीरिक बनावट का मजाक उड़ाते हैं लोग
अगर हम किसी की बुरी आदत को मजाक उड़ाते हैं, जैसे मोबाइल पर लगे रहना, सुबह देर तक सोना, ड्रिंक करना, झूठ बोलना… तो ये ठीक भी है, क्योंकि इन आदतों को बदला जा सकता है। हो सकता है कि आपके मजाक उड़ाने के कारण सामनेवाला सुधर जाये और अपनी यह आदत छोड़ दे, लेकिन अक्सर लोग शारीरिक बनावट का मजाक उड़ाते हैं।
कभी हम किसी के बाहर निकले हुए दांतों पर जोक बनाते हैं और उसे फावड़ा नाम दे देते हैं, तो कभी किसी की हाइट कम होने पर उसे बटकी कह देते हैं। किसी की आंखें खराब हैं, तो उसे भेंगा कह देते हैं। किसी को हकलाने की आदत है, तो उसे हकला कह देते हैं। कोई मोटा है तो उसे हाथी, भैंसा कह देते हैं और कोई बहुत दुबला है तो उसे अगरबत्ती। हम मजाक-मजाक में कभी किसी को उसके डार्क कलर का ताना देते हैं तो कभी किसी के गंजे होने पर खिल्ली उड़ाते हैं।
किसी के हालात पर हंसना सबसे बड़ा पाप
शारीरिक बनावट के अलावा लोग दूसरों की परिस्थितियों, कमजोरियों पर भी खूब मजाक करते हैं। उदाहरण के तौर पर किसी की शादी नहीं हो रही, तो उस पर खिल्ली उड़ाना। किसी को नौकरी नहीं मिल रही, बिजनेस डूब गया तो उसका मजाक उड़ाना। किसी का तलाक हो गया, सगाई टूट गयी, कोई परीक्षा में फेल हो गया तो उसका मजाक उड़ाना।
इस तरह के कठिन हालात इंसान को वैसे ही तोड़ चुके होते हैं। इंसान अपने दुखों में डूबा रहता है और जब ऐसी स्थिति में हम उनकी इस कमजोरी पर मजाक के नाम पर ताना मारते हैं, तो कई बार लोग गलत कदम तक उठा लेते हैं। वे यह मजाक सहन नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति में अगर कोई सुसाइड कर ले तो यकीनन इसके दोषी सिर्फ और सिर्फ मजाक उड़ाने वाले लोग हैं। वे हत्यारे हैं। अफसोस कि कानून में ऐसे मजाक उड़ाकर मारने वाले हत्यारों के लिए कोई सजा नहीं है।
मजाक का लोगों पर क्या असर पड़ता है?
बार-बार अपनी किसी कमी का मजाक उड़ते देख लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं। लोगों से मिलना-जुलना, पार्टी करना, किसी के घर जाना सबकुछ बंद कर देते हैं। अकेले रहना पसंद करते हैंं। कुछ नौकरी बदल देते हैं, कुछ कॉलोनी बदल देते हैं, तो कुछ शहर भी। कई बार वे इस बात से इतना हर्ट हो जाते हैं कि आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेते हैं।
ऐसे भी लोग हैं, जो ऑपरेशन करा कर अपनी शारीरिक कमियों को ठीक करने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के तौर पर दांतों में ब्रेसेस लगवाते हैं, ब्रेस्ट इम्प्लांट कराते हैं, नाक ऊंची कराते हैं, होंठ का ऑपरेशन कराते हैं, हेयर ट्रांसप्लांट कराते हैं, लेजर ऑपरेशन कराते हैं…।
खुद को सामनेवाले की जगह रख कर सोचें
दोस्तों, हम कभी भी, किन्हीं भी लोगों के बीच सामनेवाले को कह देते हैं कि ‘पहले अपने दांत तो ठीक करा ले।’ सारे दोस्त इस लाइन को सुन कर खूब हंसते हैं, लेकिन कभी आपने सोचा है कि उस इनसान पर क्या गुजर रही होगी? नहीं सोचा होगा। अगर आप खुद को सामनेवाले की जगह रख कर सोचेंगे, तो आप समझ पायेंगे कि शरीर की किसी कमी को जब ठीक नहीं किया जा सकता और लोग उसका मजाक उड़ाते हैं, तो कैसा महसूस होता है।
भगवान न करे कि कभी आपके साथ भी कोई हादसा हो जाये और आपके शरीर में कोई खोट आ जाये और लोग आपका मजाक उड़ाने लगें। हो सकता है कि भविष्य में आपके घर में किसी का जन्म हो, जिसमें ऐसी कोई कमी हो और लोग उनका मजाक उड़ाये। तब आपको समझ आयेगा कि कैसा महसूस होता है। कल किसी ने नहीं देखा है, इसलिए अभी से इन बातों का ख्याल रखें। दूसरों की भावनाओं को चोट न पहुंचाएं।