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मुनिया की दुनिया
किस्सा 32
आज खेलने कोई नहीं आया था, न तो तो न सही..मुनिया तो अकेले में ही खिलंदड़ दुनिया है।
मुनिया ने हवा वाली बड़ी-सी गेंद को एक टप्पा दिया…
गेंद टप-टप उछलने लगी
मुनिया उछलते हुए उससे आगे निकल गई और मुड़कर देखने लगी, भागने लगी, गेंद आ रही है या नहीं।
गेंद के साथ उसका यह पकड़मपाटी का अनोखा खेल उस दिन बहुत देर तक चलता रहा, जब तक मुनिया नहीं थक गई, या कि गेंद…पता नहीं
(क्रमशः)
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#MKD। #Kissa 5। मुनिया के लिए तो हर दिन है केवल पिता का…