धूप में भी निकला करो…विटामिन डी मिलेगा

धूप में भी निकला करो…विटामिन डी मिलेगा

‘धूप में निकला न करो, रूप की रानी, गोरा रंग काला न पड़ जाए’ एक मशहूर गीत है। भारत के संदर्भ में यह इसलिए भी सही प्रतीत होता है कि वास्तव में यहाँ इतनी तेज़ धूप पड़ती है कि अधिक समय तक बाहर रहने पर चमड़ी को जला देती है लेकिन लगता है भारतीयों ने इस गीत की पहली आधी पंक्ति की सलाह मानते हुए धूप में निकलना छोड़ दिया है।

देश के 27 शहरों के 2.2 लाख लोगों पर किए गए टाटा समूह 1एमजी लैब के ऑनलाइन सर्वे में यह बात सामने निकलकर आई है कि चार में से तीन भारतीयों के शरीर में विटामिन डी की कमी है। ज़ाहिरन देश की 76 प्रतिशत आबादी सूरज से मिलने वाले विटामिन से वंचित है, जिसे सनशाइन विटामिन कहा जाता है। विटामिन डी की कमी से हड्डियाँ कमज़ोर और पतली हो जाती हैं।

विटामिन डी के स्रोत

विटामिन डी की कैप्सूल लेना इसका एक उपाय है। मछली, शैवाल, अंडे की जर्दी, मशरूम, दूध, टोफू, दही, संतरे का रस, पनीर आदि में विटामिन डी मिलता है लेकिन यदि तेज़ी से विटामिन डी को बढ़ाना हो तो उसका सबसे कारगर उपाय है अधिक से अधिक समय धूप में बिताना। धूप या कह लीजिए सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा और प्राकृतिक स्रोत है।

विटामिन डी1, डी2, डी3 में से पौधे विटामिन डी2 का निर्माण करते हैं, जबकि मनुष्य के शरीर में विटामिन डी3 का निर्माण होता है, यह सूरज की किरणों से मनुष्य के शरीर के प्रतिक्रिया करने पर होता है। पहले लोग खुली जगहों पर काम किया करते थे अब लोग बंद कमरों में रहना पसंद करने लगे हैं जिससे इस विटामिन का निर्माण कम होने लगता है।

विटामिन डी की कमी के लक्षण

इस विटामिन की कमी से लोग शिकायत करते हैं कि उन्हें पूरे दिन थकान महसूस होती है। नींद पूरी होने के बावज़ूद आपको थकान महसूस हो रही है तो समझ लीजिए आपमें इस विटामिन की कमी हो गई है। हड्डियों ख़ासकर पीठ दर्द से परेशानी भी इसकी कमी का लक्षण है। इसकी कमी से घाव या चोट भी जल्दी ठीक नहीं होती। जलन और इंफ़ेक्शन का ख़तरा भी इससे बढ़ जाता है।

कई बार इस विटामिन की कमी से बाल भी अधिक झड़ने लगते हैं। विटामिन डी की कमी मूड स्विंग मतलब मूड में भी बदलाव लाती है। आप डिप्रेशन तक में जा सकते हैं। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्युनिटी सिस्टम कमज़ोर हो जाता है

इन लक्षणों के दिखने के बावज़ूद भी आपने ध्यान नहीं दिया तो आपको दिल से संबंधित बीमारियाँ हो सकती हैं, ऑटोइम्यून संबंधित समस्याएँ, न्यूरोलॉजिकल बीमारियाँ, गर्भावस्था की जटिलताएँ, कई प्रकार के कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है

आप अंडे की जर्दी, मछली, गाय का दूध, दही, ओट्स, मशरूम भी ले सकते हैं। नींबू, गाजर, ब्रोकली और पालक में भी सबसे ज्यादा विटामिन डी होता है। बादाम, अखरोट, काजू जैसे सूखे मेवों में भी यह विटामिन पाया जाता है, और इससे भी या कि सबसे सरल उपाय है सुबह की धूप में कुछ समय बिताइए