रिवाज़ों की रोशनी में रहन-सहन का ‘र’

रिवाज़ों की रोशनी में रहन-सहन का ‘र’

रामायण, रामचरितमानस या रामलीला... ‘राम-राम, राम, सीता राम-राम राम राम’... राम की टेर है या इसे ‘र’ की टेर भी कह सकते हैं। ‘मरा-मरा’ रटने वाले पर रोष न करते हुए उसके रोम-रोम से, रग-रग से भी अंततः ‘राम-राम’ ही निकलवा ले, ऐसा है ‘र’ का रथ। ‘र’ के रौद्र रूप से नहीं बल्कि उसके रूप-रंग से उसे राजा का रेट भी दे सकते हैं और रंक का भी।

रघुकुल की रीत चलाने वाला वह रघुवीर राम है जिसके लिए कह सके कि ‘तुम रक्षक काहू को डरना’ तो राधे-राधे जपने पर आने वाला वह रासलीला करता रंग रसिया कृष्ण भी है। किसी ने रमज़ान में रोज़ा रख लिया तो रब बनकर आने वाला भी यही ‘र’ है तो राजस्थान के रण बाँकुरे राणा सांगा से लेकर महाराष्ट्र में जिन्हें सम्मान से राव साहब कहते हैं उन पेशवा बाजीराव तक जनमानस में रक्षा करने वाले की राजसी छवि का ‘र’ भी है यह।

वह भी ‘र’

इससे रजत पदक है तो फसलों में रबी की फ़सल का रेट भी इसके पास है तो छुट्टियों का रविवार भी। इसे राजनीति से मतलब नहीं, राजकीय बात न भी करें तब भी रामराज्य की दुहाई देती इसके पास राष्ट्रपति की शान है। किसी के राज्याभिषेक पर कोई रसभरे रसगुल्ले बाँटना चाहे तो वह भी ‘र’ है। पूरे भारत को जोड़ने वाली रेल की पटरियों की लोहे की रॉड की राह भी। रस्सी को साँप समझ लेने के किस्से भी इससे हैं। रजनीगंधा की महक, रसोई के पकवान, शास्त्रीय संगीत के राग और रात्रि की चैन भरी राहत भी इसके पास है। रीठे से धूले चमकदार बालों पर रीतिकाल की तरह कोई रोमांटिक हो रीझ जाए तो यह प्रेम रोग भी लगा दे तो बच्चों को रीछ बन डरा भी दे।

‘र’ के रत्न

रवायत मान रस्म की तरह ज़िंदगी जीते हुए रोजी-रोटी की चिंता में रकम-रुपयों के रास्ते पर भागने वाले रमेश, रमन, रमण, राकेश, रोहित को भी हमेशा रीढ़ की हड्डी सीधी रखने के बारे में रह-रहकर कहता है ‘र’। तो रातों-रात राई का पहाड़ बना देने की रंगत भी है ‘र’ के रत्न के पास। रिवाज़ों की रोशनी में रहन-सहन की चमक देख सकते हैं तो रेडियो के ज़माने की रेट्रो थीम की रंगत भी महसूस कर सकते हैं। आज़ादी के लिए हुई राउंड टेबल (गोलमेज़ परिषद) की बैठकों से लेकर रोबोटिक युग की रफ़्तार तक की रोचक दास्तान भी इससे सुन सकते हैं।

यह ‘र’

राजस्व विभाग में जमा हुई रोकड़ और रिहाई के लिए रेहन रखने की बात दोनों इससे है। रोपित विश्वासों को रवाना भी करता है यह ‘र’ तो रोगाणुओं के राक्षसों की रोकथाम भी करता है ‘र’। रिश्वत लेना इसे पसंद नहीं क्योंकि यह रायबहादुर की तरह रौबीला है। यह राजर्षि है, राजकिशोर है, राजकुमार है। न तो इसे रोदन पसंद है न रिरियाना क्योंकि इसके पास हर सवाल का रामबाण उपाय है। रिहाइशी इलाकों में रासायनिक उत्पादों की रहनुमाई यह नहीं करता। यह किसी को इसलिए नहीं रगड़ता क्योंकि यह रमणीय ‘र’ है।