मुनिया की दुनिया

मुनिया की दुनिया

किस्सा 4

मुनिया इस साल प्ले ग्रुप में जाने वाली है न।

उस दिन उससे यूँ ही पूछा अंग्रेजी की वर्णमाला के बारे में। उसने पहचाना A.. मैं खुश हो गई अब आगे…तो उसने सीधे V अक्षर पहचाना, उसका उच्चारण भी उसे नहीं पता..उसे केवल इतना पता है कि यह वह अक्षर है जिससे उसके बाबा (पिताजी) का नाम शुरू होता है।

इतना बता कर उसने अपनी बैठकी उठा ली। मैंने कहा अरे पढ़ तो…पर वह अपनी ही मस्ती में मगन थी, जिसमें एक भाव था कि उसकी दुनिया में उसके पिता के नाम का अक्षर है…मतलब पिता है, बाकी दुनिया से क्या! वह तो ठाठ से उठी और कंधे उचका कर चल पड़ी..

(क्रमशः)

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