मुनिया की दुनिया

मुनिया की दुनिया

किस्सा 29

मम्मा लिफ़्ट आ गई…..

ज़ोर-से पुकारती है मुनिया माँ को..मकसद होता है कि केवल माँ ही नहीं, अड़ौसी-पड़ोसी भी सुन सके कि मुनिया स्कूल जाने को उद्यत है…फिर हर कोई अपने-अपने दरवाज़ों से उसे बाय कहता है..ग़ज़ब..जैसे स्कूल न हुआ..मुनिया रानी की सवारी अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए सुबह-सुबह निकली हो…यदि केवल कोई आन्टी दिखे तो मुनिया उनसे पूछ ले कि दीदी कहाँ है, भैया कहाँ है…सारी जनता दिखनी चाहिए..

पर यदि किसी दिन मूड नहीं हुआ…उस दिन तो शामत आ गई…इतना रोती है जैसे पता नहीं क्या हो गया…उस दिन भी सब अपने घरों से बाहर निकल मुनिया को लिफ़्ट तक छोड़ने आते हैं, जैसे मुनिया स्कूल नहीं, ससुराल जा रही हो….मुनिया को स्कूल जाने का मन हो या न हो…सुबह-सुबह गलियारे में चहल-पहल हो ही जाती है और मुनिया के बहाने सभी एक-दूसरे से दुआ-सलाम, राम-राम कर लेते हैं…

मुनिया भले ही किसी भी मन से स्कूल जाए, लौटते हुए बड़ी ख़ुश होती है..आज यह सिखाया, आज यह दिखाया कहते हुए…

सच ही तो है..

Children go to school and run to home…

घर तो भागते हुए ही आते हैं…

(क्रमशः)

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