समय को लगे पंख तो आप भी लगा लीजिए

समय को लगे पंख तो आप भी लगा लीजिए

‘क्या करें समय ही नहीं मिलता’, अरे भई समय क्यों नहीं मिलता? आपने सुना होगा यदि किसी के पास बीस काम हों तो उसे एक और काम दे दीजिए, वह व्यक्ति 21वाँ काम भी कर देगा, समय पर कर देगा। एक व्यक्ति चार काम करने में चार क्या चालीस दिन भी लगा देगा, दूसरा रोज़ के कामों के साथ रोज़ चार दूसरे काम भी कर लेगा। समय प्रबंधन की आवश्यकता पर बड़े बड़े लेख पढ़ने से भी किसी के लिए समय प्रबंधन सबसे जटिल काम होता है तो दूसरे के लिए बिना कुछ पढ़े भी वह साध्य हो जाता है।

विश्वास नहीं होता?

ऐसा कैसे होता है? बात केवल समय प्रबंधन की नहीं होती, बात इच्छा शक्ति की है। यदि चाहते हैं कि दिन के चौबीस घंटों में बेहतरीन करते चलें तो कोई आपको रोक नहीं सकता। उसके बाद आपको घड़ी के हिसाब से नहीं चलना होगा, घड़ी खुदबखुद आपके हिसाब से चलेगी। विश्वास नहीं होता? घड़ी तो अपने हिसाब से ही चलती है लेकिन जब आपको कोई काम नहीं करना होता तो आप फिजूल के कामों में समय गँवाते है और जो काम वास्तव में करना होता है उसके लिए समय नहीं मिलता। दूसरी ओर यदि आप कोई काम करना चाहते हैं तो हो सकता है आप सुबह जल्दी उठें, रात देर तक जगें लेकिन वो काम कर दें, जो आपसे कहा गया है।

आदत में शामिल

समय रहते काम करने की आदत आपके चरित्र का निर्माण भी करती है। यह एक दिन में नहीं होता। लगातार समय पर काम करते चले जाते हैं तो वह आपकी आदत में शामिल हो जाता है। यह किसी और ने आप पर थोपा अनुशासन नहीं होता, आप स्वयं अनुशासित हो जाते हैं। किसी एक व्यक्ति के अनुशासित होने से भर से घर-परिवार, समाज, देश और दुनिया भी अनुशासित हो सकती है। विश्वास नहीं हो रहा हो तो करके देखना पड़ेगा। अनुशासनप्रिय व्यक्ति समय के प्रति अनुशासित होता है तो घड़ी उसके हिसाब से चलने लगती है मतलब उसके लिए समय भागता नहीं है, वह समय से आगे भागता है।

एक बार में ही शिद्दत से

आपने सुना होगा एक्स्ट्रा ऑडनरी लोग कुछ अलग नहीं होते वे बस ऑडनरी काम एक्स्ट्रा इफर्ट्स डाल करते हैं। हर काम वे परफ़ेक्टली करते हैं। इससे एक ही काम उन्हें बार-बार नहीं करना पड़ता। पहली बार में ही वे पूरी शिद्दत से काम कर गुज़रते हैं। इससे दुबारा-तिबारा करने की ज़रूरत नहीं पड़ती और खुदबखुद समय बच जाता है। मल्टी टास्किंग भी ऐसे लोगों की विशेषता होती है। एक समय वे कई काम कर सकते हैं। आमतौर पर महिलाओं में यह विशेषता होती है लेकिन ऐसे पुरुष भी जो समय का रोना नहीं रोते वे भी मल्टी टास्किंग होते हैं।

पैशन ही रिलैक्स होना

जब उनके पास समय होता है तो वे उसे अलसाए नहीं पड़े रहते, वे दूसरा कोई ऐसा काम करते हैं, जो कई दिनों से लंबित रह गया हो। इन लोगों के लिए आराम का अर्थ खाट तोड़ते पड़े नहीं रहते बल्कि अपने पैशन का कोई काम करते हैं। पैशन उन्हें रिलैक्स कराता है। इसके बाद वे फिर तरोताज़ा हो जाते हैं और काम में जुट जाते हैं। उनके लिए कोई काम ऊबाऊ नहीं होता। हर काम वे आनंद के साथ करते हैं इसलिए वे किसी काम से उकताते नहीं और उन्हें आनंद खोजने के लिए अलग से कुछ नहीं करना पड़ता। वे जो करते हैं, उसी में आनंद मानते हैं। कई काम करते रहने के बाद भी वे इसलिए ऊर्जावान् रहते हैं क्योंकि कोई काम उन्हें थकाता ही नहीं। किसी काम को वे उबाऊ नहीं मानते। कोई काम निपटाने की भावना से नहीं करते। वे काम करते हैं क्योंकि वे करना चाहते हैं।

उड़ चलें

पंख लगाकर उड़ते समय को रोका तो नहीं जा सकता तो क्यों न आप ही पंख लगाकर समय के साथ उड़ने लगें। ये पंख होंगे इच्छाशक्ति और अनुशासन के। क्या आप नहीं चाहेंगे कि आपके पास भी ऐसे सुंदर पंख हों और आप भी उड़ चलें।

बीत जाएगी घड़ी

  • जीवन की कीमत हम धड़ी भर भी न मान ऐसे जीते हैं जैसे लंबी आयु पड़ी है। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बीतती जाती है हमें लगने लगता है कि अहंकार में आकर हम ऐसे जीते रहे कि अपना ही मोल धड़ी भर न रहा। बीतती आयु बीती बातों को बिसार आगे बढ़ने की नहीं, उससे सीखकर आगे बढ़ने की है। फिर उम्र का लेखा-जोखा लेकर जब सामने बैठते हैं तो लगता है यदि मूढ़ मति मन को नेह से बाँध पाते तो जीवन मणि बन सकता था। तो समय रहते सुधर जाए, नहीं तो बीत जाएगी घड़ी...देखें
  • सार्वकालिक The Everlasting- https://youtu.be/0o7-BMqJFCg