‘ज्ञ’, ज्ञानी का

‘ज्ञ’, ज्ञानी का

हम देवनागरी वर्णमाला की बात करते हैं तो उसमें एक संयुक्त अक्षर आता है ‘ज्ञ’। ‘ज्’ और ‘ञ’ का संयुक्त होने से शब्दकोश में इसे ‘ज’ के बाद ढूँढा जाना चाहिए। इससे जुड़ी दूसरी रोचक बात, इसका हिंदी में उच्चारण ‘ग्य’ है तो मराठी में ‘द्न्य’।

देवनागरी लिपि में संस्कृत, हिंदी, मराठी के साथ कोंकणी और नेपाली भाषा लिखी जाती है इसलिए हम परिवर्धित देवनागरी की बात करते हैं तो अब उसमें ‘ळ’ को भी शामिल कर लिया है लेकिन हिंदी का ज्ञानी कहेगा कि हिंदी भाषा में यह शब्द नहीं है।

बचपन से ज्ञ, ज्ञानी का ही सुनते आ रहे हैं लेकिन ज्ञात हो कि यदि इसे ज्ञापन देना पड़ जाए तो यह बताएगा कि संस्कृत में ज्ञ का अर्थ ही है जानने वाला, बुद्धिमान्। ज्ञा धातु ठानना, खोज करना, निश्चय करना, घोषणा देना, सूचना देना, सहमत होना, आज्ञा देना को बताती है।

ज्ञानार्जन, ज्ञानेंद्रिय, ज्ञानात्मक, ज्ञानसागर, ज्ञानमूर्ति देखिए कितने शब्द ज्ञानचक्षु खुलते ही मिल जाएँगे और आप ज्ञानवान् हो जाएँगे और इस तरह ज्ञानोदय हो जाएगा।