दोस्त का मतलब आपके लिए क्या है?

दोस्त का मतलब आपके लिए क्या है?

जीवन में कई बार ऐसा समय भी आता है, जब हम चुनौतियों और अवरोधों का सामना कर रहे होते हैं और हमारे पास कोई साधन या औजार नहीं होता कि उनसे पार पा जाए। हमारे पास उस समय उतना समय भी नहीं होता कि वैसी कोई कुशलता हासिल कर लें और आगे बढ़ पाएँ। तब आपको किसकी याद आती है?

सर्वशक्तिमान की, लेकिन आप जानते हैं कि वह दैवीय ताकत आपकी मदद करने नहीं आ सकती और तब दूसरा कोई याद आता है तो आपका कोई दोस्त। कोई सच्चा दोस्त। आप उसे याद करते हैं, फ़ोन लगाते हैं, एक ही शहर में रहता हो तो उससे मिलने चले जाते हैं। वह भले ही कोई विशेषज्ञ नहीं होता, हो भी सकता है पर पहले वह केवल दोस्त होता है और उसकी मुस्कान, उसकी सांत्वना, उसका दिलासा, उसका ‘मैं हूँ ना’ का भाव तसल्ली दे देता है।

एक गहरी साँस

हम अपने जीवन में वे सारी चीज़ें करते हैं, जो हमें करनी चाहिए या जिसकी हमसे समाज और परिवार अपेक्षा-आशा रखता है। दोस्त के लिए हम कुछ न भी करें तब भी चल जाता है, वह कोई अपेक्षा नहीं करता, वह ताने दे सकता है, उलाहनें दे सकता है लेकिन जैसे वह सब उसका स्वाँग होता है, भीतर से वह स्नेह से लबालब और लबरेज होता है।

दोस्ती जितनी पुरानी होती है, उतनी ही गहरी होती जाती है। बिना कहे भी मन से मन के तार जुड़ जाते हैं और याराना पक्का होता चला जाता है। आपके ज्ञान की, आपके धन-दौलत और ऐश्वर्य की, आपके सामाजिक रुतबे की, किसी भी चीज़ की दोस्त को ज़रूरत नहीं होती। वह केवल आपसे कुछ साझा करना चाहता है, खुद साझा हो जाना चाहता है।

बशर्ते वह आपका दोस्त हो। दोस्ती दुनिया को दिखाने के लिए नहीं की जाती। हाँ, यदि आप किसी से दुनिया को दिखाने के लिए दोस्ती रखते हैं तो फिर उसमें खुशामद, चाटुकारिता और स्वार्थ, सब आ जाएगा। लेकिन उसमें आप राहत की साँस नहीं ले पाएँगे। दोस्त वह गहरी साँस है जो आप अपने खुद के लिए लेते हैं और खुद को एकदम शांत महसूस कर लेते हैं।

दोस्ती का रंग

दोस्त एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते हैं। शिक्षकों का प्रिय जुमला होता है- ‘दोस्त कहेगा गड्ढे में कूद तो क्या कूद जाओगे?’ हाँ, यदि सच्ची दोस्ती है तो कूद भी जाना और यह विश्वास भी रखना कि सच्चा दोस्त कभी ऐसा अनुचित कहेगा ही नहीं, यदि कभी कुछ कह भी दिया तो तुम्हारे गिरने के पहले,वह थामने आ जाएगा, यह भरोसा रख सको तो मान लेना कि दोस्ती का रंग गहरा है। दोस्त चुनौतियाँ स्वीकारने के लिए ललकार सकता है, चुनौतियों का डटकर सामना करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, खुद चुनौती नहीं बन सकता, या दोस्ती को चुनौती नहीं बनाता। दोस्त हर उस वक्त मदद करता है, जब उसकी ज़रूरत हो।

दोस्ती का आनंद

दोस्ती की दूसरी मिसालें, कहानियाँ, दंत-कथाएँ आपने सुनी होंगी, क्या कभी आपका मन नहीं हुआ कि दोस्ती की ऐसी मिसाल आप खुद बन जाएँ! लोग आपकी दोस्ती की कसमें खाएँ। क्या आपने कभी ऐसी दोस्ती का आनंद लिया है? यादों के झरोखे से देखिए कोई दोस्त आपको आवाज़ दे रहा है क्या? यदि वो आवाज़ आपने सुन ली तो आपको लगेगा आपको एक नई ऊर्जा मिल गई, नई उमंग मिल गई। जीने की नई लालसा जग गई और यदि ऐसे कई दोस्त अचानक से मिल जाएँ तो आप क्या करेंगे...ये कुछ दोस्त सालों बाद जब मिलें न, तो इन्होंने वीडियो बना लिया, अपनी दोस्ती को अजर-अमर कर दिया। क्या आप उसे देखना, जीना, अनुभव करना और फिर खुश हो जाना नहीं चाहेंगे?