बीटीएस - बिहाइंड द सीन

बीटीएस - बिहाइंड द सीन

‘ये ईलु-ईलु क्या है, ये ईलु ईलु?’ हमारी पीढ़ी जब स्कूल जाती थी, उस ज़माने का यह लोकप्रिय फ़िल्मी गीत था..आज स्कूल जाते बच्चों से इसके बदले यह पूछने का मन करता है ‘यह बीटीएस- बीटीएस क्या है, यह बीटीएस बीटीएस?’ और ‘बीटीएस’ के ‘बिहाइंड द सीन’ की पूरी कहानी बताने को उतावले हो जाते हैं। वे दीवानगी की हद तक जैसे पुराने गाने की पंक्ति को ही पूरा करते हैं- ‘जब कोई अच्छा लगता है, बड़ा प्यारा-प्यारा लगता है’, तो इस पीढ़ी का दिल करता है बीटीएस- बीटीएस और इस दिल का रंग भी परपल है।

हाँ, बीटीएस के दीवाने दिल का रंग लाल-गुलाबी नहीं बल्कि परपल मानते हैं। सात कोरियन लड़कों ने वर्ष 2013 में पॉप म्यूज़िक का बीटीएस समूह बनाया और वर्ष 2017 से यह लोकप्रिय होते-होते वर्ष 2020 में भारत के टीनएजर्स की दिल की धड़कन बन गया। साउथ कोरिया की चार लड़कियों का समूह ‘साउथ ब्लैक पिंक’ और उनका गीत ‘हाऊ यू लाइक दैट’ भी काफी लोकप्रिय है लेकिन टीनएजर्स का कहना है बीटीएस बैंड की बात ही कुछ और है।

आई परपल यू

ऐसी क्या बात है बीटीएस में? वे जवाब देते हैं- इसका म्यूज़िक, लिरिक्स, बीट्स एंड स्टाइल और इनसे बना म्यूज़िक वीडियो और खिलखिलाकर हँस पड़ते हैं- बोराहे(आई परपल यू), मतलब आई लव यू की जगह उनका जो परपल दिल है, उसके लिए वे कहते हैं आई परपल यू। इस बैंड ने "नो मोर ड्रीम्स" के अपने पहले गीत के साथ शुरुआत की थी। लगभग 23 से 28 साल की उम्र के गायक जिन, लीड रैप्पर शुगा, मुख्य नर्तक, रैप्पर जे-होप, मुख्य रैप्पर आर एम, मुख्य नर्तक, मुख्य गायक जिमिन, गायक वी और प्रमुख नर्तक, मुख्य गायक जंगकुक ने मई 2018 में अमरीकी ऐल्बम चार्ट में पहला नंबर हासिल किया, बीते 12 सालों में ऐसा पहला मौका था, जिसकी भाषा अंग्रेजी नहीं थी और वह अमेरिका में धूम मचा रहा था।

कोरियन भाषा में होने के बावज़ूद इस बैंड की लोकप्रियता भारत के बड़े शहरों में इस कदर है कि ये लोग आपस में बात भी करते हैं तो कोरियाई भाषा में एनयोंगहेसोय (हैलो) कहकर। भारत में सोशल नेटवर्किंग साइट पर इनके प्रति हर दिन हजारों पोस्ट घूमती दिखाई देती है। इनके फैन ‘आर्मी’ के नाम से जाने जाते हैं। वे आपस में मिलने पर फैन चांट ‘किम नामजून, किम सोकजिन,मीन यूंगी, जंग होसोक, पार्क जिमिंन, किंम टेह्यूंग, जियोन जनकूक.....बीटीएस’ करते हैं।

ये नए स्कूलों के नए टीनएजर्स की भाषा है और वे खुद को इसी भाषा में ‘कूल’ पा रहे हैं। वे खुद को टीनएजर्स भी कहलाना नहीं चाहते, वे खुद को ‘मिलिनियंस’ कहते हैं। वे जिस गायक के दीवाने हैं उसके प्रति खुद को ‘बायस’ कहलाते हैं और दूसरे को तोड़ने के लिए ‘बायस व्हैरकर’ बनते हैं ताकि सामने वाले को अपने हीरो की पार्टी में शामिल किया जा सके।

बैंड का भाषण

ये हीरो क्यों हैं? उनके हीरो बनने के कई चमकदार कारणों के अलावा कुछ ठोस कारण भी हैं। इन सात कोरियन लड़कों के बैंड ने यूनिसेफ में भाषण दिया तो वह ऐसा पहला मौका था जब किसी बैंड ग्रुप ने सयुंक्त राष्ट्र की किसी संस्था में भाषण दिया हो। बीटीएस बैंड साल 2017 से कोरियन कमेटी और यूनिसेफ के साथ मिलकर युवाओं और बच्चों पर हो रही हिंसा के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहा है

सात लड़कों वाले इस बैंड ग्रुप को लाखों लोग पसंद करते हैं। दक्षिण कोरिया के कानून के मुताबिक देश के सभी योग्य लोगों को 18 साल से 28 साल की उम्र के दौरान करीब दो साल तक सेना में सेवा करनी पड़ती है। बैंड के दो सदस्य जाने पर समूह के साथ उनका जुड़ाव खत्म हो सकता था पर दक्षिण कोरिया की संसद ने एक विधेयक को मंजूरी दी है, जिसके तहत लोकप्रिय बैंड बीटीएस के गायकों और अन्य संगीतकारों को 30 साल की उम्र तक अपनी अनिवार्य सैन्य सेवा को स्थगित करने की अनुमति दी गई है।

संशोधित सैन्य कानून के मुताबिक, संस्कृति, खेल और पर्यटन मंत्रालय की सिफारिश पर देश और दुनिया में नाम रोशन करने वाले पॉप संस्कृति के कलाकारों को असाधारण वजहों से 30 साल की उम्र तक अपनी सैन्य सेवाओं को स्थगित करने की अनुमति होगी।

भारतीय इतिहास में पहली बार

यह ग्रुप विश्व में ‘जोकि बैंगन बॉयज़’, ‘बुलेटप्रूफ बॉय स्काउट्स’, ‘बियॉन्ड द सीन’ और ‘बिंटान सोनयोनडान’ नाम से भी जाना जाता है। उनके पहले ही अल्बम को कई पुरस्कार मिले थे जैसे मेलोन संगीत पुरस्कार और स्वर्ण डिस्क पुरस्कार और सोऊल संगीत पुरस्कार। भारतीय प्रशंसकों के काफी ज़ोर देने के बाद संगीत के चैनल वीएच1 ने ‘ब्लड, स्वेट एंड टिअर्स’ टी.वी. पर प्रसारित किया जो भारतीय इतिहास में पहला कोरियाई पॉप गाना बना भारतीय टी.वी. पर।