जिसके आदी होते चले जाते हैं, ऐसी आदत

जिसके आदी होते चले जाते हैं, ऐसी आदत

क्या आप कुछ नया करने के लिए तैयार हैं? प्रकृति से सीखिए। प्रकृति में हर क्षण परिवर्तन होता रहता है। प्रकृति और पंच तत्व अखंड कार्यरत रहते हैं। आप भी पंचतत्वों से बने हैं। प्रकृति का हिस्सा हैं, फिर आप टालमटोल क्यों करते हैं? कई बार आपको खुद भी नहीं पता होता और आदतन आपसे ऐसा हो जाता है। धीरे-धीरे यह आदत आपका स्थायी भाव बन जाती है। आइए जानते हैं उन तीन बातों को जो शायद आप नज़रअंदाज़ कर देते हों। सबसे पहले तो खुद से यह कहना बंद कर दीजिए कि आप पर कुछ दबाव हो, तभी आप काम कर सकते हैं, अन्यथा नहीं।

1. अभी नहीं, बाद में

क्या आप उन लोगों में से है, जो यह तो जानते हैं कि सफल होने के लिए अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता है लेकिन अपनी टालमटोल करने की आदत से उबर नहीं पाते? यह ऐसी कैसी आदत है कि आप उसके आदी होते चले जाते हैं? सबसे पहले तो यदि इस लेख को सरसरी तौर पर देखकर आप सोच रहे हैं कि बाद में तसल्ली से पढ़ेंगे तो इस विचार को एकदम, तुरंत, अभी झटक दीजिए क्योंकि देखिए यह आपकी उसी आदत का हिस्सा है, जो आपसे हर काम के बारे में कहता है, अभी नहीं, बाद में करेंगे।

2. कारण देना बंद कीजिए

कई लोग अधिक श्रम किए बिना भी सफ़ल हो जाते हैं। ऐसा कैसे होता है कि बिना 110 प्रतिशत मेहनत के भी वे सफ़ल हो गए? क्या उनमें सुपर पॉवर होती है? ऐसा इसलिए होता है कि काम शुरू करने के एक दिन पहले तक आपको पता नहीं होता कि उस काम को करने के लिए कितनी मेहनत लगने वाली है और बिना परखे ही आप कोई न कोई कारण देकर काम टालना शुरू कर देते हैं। जबकि हो सकता है किसी काम में उतने अधिक परिश्रम की आवश्यकता न भी हो, जितना आपको ऊपरी तौर पर लग रहा है। खुद से झूठ बोलना छोड़ दीजिए। मत कहिए कि आप दबाव में काम कर पाते हैं, मानिए कि आप डेडलाइन के इंतज़ार में काम करना टालते हैं। योजना बनाइए और थोड़ी तैयारी कीजिए, काम हो जाएगा।

3. काउंटडाउन

यह टिप बहुत आसान लग रही होगी। जिस अंक से आप खुद को सुविधाजनक महसूस करते हैं, वहाँ से काउंटडाउन शुरू कीजिए। मसलन शायद पाँच से, याने 5,4,3,2,1 और अब काम करना शुरू कर दीजिए। अब इस टिप के कठिन हिस्से की ओर आते हैं। काउंटडाउन शुरू करने से पहले आपको अपना मानस बदलना होगा। खुद को बताना होगा कि यह काम आपको समय से क्यों पूरा करना है? उस काम के महत्व को आपके मन-मस्तिष्क को समझाना होगा। यह आपको अतिरिक्त प्रेरणा देगा जिससे आप काम से हाथ झटकने से बच सकेंगे। काउंटडाउन नियम को जितना तरज़ीह देना शुरू करेंगे, आप देखेंगे आपके लिए काम को समय पर पूरा करना कितना आसान होता जा रहा है।

4. उद्देश्य

यह टिप दो से ही जुड़ी हुई है। यदि आपके सामने कोई निश्चित उद्देश्य नहीं होगा कि आप कोई काम क्यों करना चाहते हैं तो भला आप उसे करने की फ़िराक में क्यों रहेंगे? उद्देश्य तय करना, किसी भी काम का एक अंतरंग हिस्सा बनाइए। लक्ष्यविहीन काम आपको न तो काम करने की योजना बनाने देगा, न तैयारी करवाएगा। यदि आप समझ गए कि कोई काम क्यों करना है और कैसे करना है तो मान लीजिए आपने काम फ़तह कर लिया।

5. देर किस बात की

तो अब देर किस बात की है? अपनी ऊर्जा को पहचानिए। खुद से तारतम्य बैठाइए और काम में जुट जाइए। यह जानना अच्छा लगेगा कि आपको इससे कुछ लाभ हुआ या नहीं, अपनी राय से अवगत कराइएगा कि क्या इससे आप अपने सपनों की दिशा में बढ़ पाए?