शादी का झांसा

शादी का झांसा

आज कल लगभग हर दिन 2-3 ख़बरें अख़बार में होती ही हैं और कभी-कभी अपने आस-पास भी सुनने को मिल जाती हैं कि शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया, ये ख़बर हम सभी के लिए इतनी आम हो गई है कि हम इस पर विचार भी करें तो शायद इतना ही करते हैं कि कितनी बेवक़ूफ़ होती है लड़कियां, किसी की भी बातों में आ जाती है।

हममें से किसी ने भी क्या कभी ये सोचा कि ऐसा क्यों होता है? क्यों कोई लड़की या महिला किसी के शादी के झांसे में आ जाती है,जबकि आजकल की लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, डॉक्टर, इंजीनियर,शिक्षक तो बनती ही थी,आजकल लड़कियां बस ड्राइवर, बस कन्डक्टर, कैब ड्राइवर, ई रिक्शा ड्राइवर, पेट्रोल पंप पर भी नौकरी करती आसानी से दिख जाती हैं, फिर क्या कारण है कि इतना सब कुछ करने वाली लड़कियां किसी के भी शादी के झूठे झांसे में आसानी से आ जाती हैं, क्या उनकी सोच में बदलाव ज़रूरी नहीं है? या फिर कहीं हम परिवार वाले ही उनकी इस दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं?

क्या उनको ऐसा लगता है कि उनके परिवार वाले उनकी शादी नहीं करेंगे? या फिर अपने परिवार से उनको वो अपनापन नहीं मिल रहा जिससे कि वो अपने परिवार पर भरोसा कर सकें। मोबाइल फोन के चलते वैसे भी परिवार के लोगों के बीच आपस में बातचीत काफ़ी कम हो गई है, इस कारण मन के विचार घर में कह नहीं पाती, कारण यह भी हो सकता है कि लड़कियों के मन में यह बात बचपन से ही बिठा दी जाती है कि ये तेरा घर नहीं है, तेरा असली घर तेरा ससुराल होगा।

पति अच्छा मिल गया तो भविष्य सुरक्षित समझती हैं लेकिन अगर पति ही ख़राब निकल गया तो फिर लड़की कहाँ जाएगी? शायद इसी कारण वो अपनी पसंद के लड़के से शादी करना सही समझती हैं, लेकिन गलत लोग उनका फायदा उठा लेते हैं।

मुझे लगता है कि हम सभी को अपनी बहन, बेटी को समझना होगा और उन्हें ये विश्वास दिलाना होगा कि ये घर उनका ही है और हमेशा रहेगा, परिवार हमेशा उनका भला ही चाहेगा, भविष्य सुरक्षित रखने के लिए बेहतर पति खोजने से अच्छा है कि करियर पर ध्यान देकर अपना भविष्य ख़ुद अच्छा बनाएं, ना कि किसी की दी हुई झूठी उम्मीदों पर, उनकी बातों में आकर अपना भविष्य दांव पर लगाएं ।

अपनी बेटियों को अपना समय दें और इस विषय पर बात करें तभी हम अपनी बेटियों को आने वाले समय में ऐसी घटनाओं से बचा सकेंगे।