क्या आप भी गलत तरीके से खा रहे हैं फल?

क्या आप भी गलत तरीके से खा रहे हैं फल?

हम सभी को लगता है कि फल खाना तो हेल्दी होता है इसलिए जितना फल खाना है खाओ, जब खाना है, तब खाओ, लेकिन ऐसा नहीं है। फल खाने के भी नियम होते हैं। सही व गलत तरीके होते हैं। फल कभी भी, किसी भी तरीके से नहीं खा सकते हैं। क्या आपको पता है, अगर हम गलत तरीके से फल खा लें तो वह फायदा पहुंचाने की बजाय नुकसान भी कर सकते हैं? नहीं न… इसलिए आज हम आपको फल से जुड़ी वो गलतियां बता रहे हैं, जो हम आमतौर पर करते हैं।

1. जूस बनाकर न पीएं, सीधे फल खाएं

मार्केट में मिलने वाले पैक्ड फ्रूट जूस कभी न पीएं, क्योंकि इनमें केमिकल्स मिले होते हैं। आपने खुद ने देखा होगा कि कुछ घंटों बाद ही उनका टेस्ट बदल जाता है। यह शरीर को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। आप सोचेंगे कि घर में ताजे फलों का जूस बनाकर पीना बेस्ट होगा, तो ऐसा नहीं है। घर में भी फलों का जूस बनाकर न पीएं, क्योंकि इसमें भी फलों के सभी पौषक तत्व आपको नहीं मिल पाते, जो मिलने चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर आप संतरे को सीधा खाते हैं, तो उसमें मैक्सिमम न्यूट्रिशन मिलता है, लेकिन जब आप उसका जूस निकालते हैं, तो उससे फायबर भी निकल जाता है। इसलिए ऐसी गलती न करें। फलों को सीधे खाएं।

2. फल को काटकर स्टोर करके न रखें

कुछ लोग फल को काटकर डब्बे में स्टोर करके रखते हैं और फिर बाद में खाते हैं। काटकर स्टोर करने से फल धीरे-धीरे एसिडिक बनने लगता है फिर वह आपको न्यूट्रिशन नहीं देता है। इसलिए फल पूरा खाएं और अगर काट कर के भी खाएं तो तुरंत खा खाएं या कम से कम 20 मिनट के अंदर खाएं तभी उसका फायदा होगा।

3. फलों को दूध के साथ न मिलाएं

फल खाने का सही समय दिन के वक्त ही होता है, इसलिए सूर्यास्त के बाद फल न खाएं। एक बात और यह कि फलों को दूध के साथ मिलाने की कोशिश न करें। खासतौर पर खट्‌टे फल तो बिल्कुल भी दूध के साथ न मिलाएं। इससे रिएक्शन हो जाता है। कई लोग फलों का शेक बनाने के लिए फ्रूट सलाद बनाने के लिए उन्हें दूध के साथ मिलाते हैं, जो काफी गलत है। ये फल खाने का बहुत खराब तरीका है। खट्‌टे फलों और मीठे फलों को भी मिक्स करके न खाएं। दोनों की खूबियां अलग होती हैं। उनमें गैप रखें।

4. नाश्ते के पहले फल खाना बेस्ट

फल खाने का बेस्ट तरीका यह है कि सुबह उठकर अगर आप गरम पानी पीते हैं तो पी लें। उसके बाद फल खा लें। इसके 20 मिनट बाद नाश्ता कर सकते हैं। फल में शक्कर भी होती है तो आपको एनर्जी मिल जाती है। तरोताजा महसूस होता है। इसके अलावा अगर ब्रेकफास्ट और लंच के बीच भी आपको भूख लगती है तो फल खा सकते हैं। बस लंच और फ्रूट्स के बीच आधा घंटे का गैप जरूर रखें।

5. फल अच्छी तरह चबाकर खाएं

कई लोगों को केला खाने से डर लगता है। उन्हें लगता है कि केला खा लेंगे तो मोटे हो जायेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। एक बात याद रखें कि कोई भी फल आपको मोटा नहीं बनाता, बस आप उसको लिमिट में खाएं। ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि फलों को अच्छी तरह चबा कर खाएं। फल के स्वाद का मजा लें। उसमें सलाइवा मिक्स होने दें, फिर गटकें। इस तरह आपको फल का पूरा फायदा मिलेगा। कभी भी जल्दबाजी में गाड़ी चलाते हुए, सड़क पर चलते हुए फटाफट फल कभी भी न निगलें। गला चोक भी हो सकता है और ऐसा फल शरीर में जाकर पचने में भी समय लगाता है।

6. डिनर के बाद फल खाने की गलती न करें

कई लोगों को डिनर के बाद कुछ मीठा खाने की इच्छा होती है। ऐसी सिचुएशन में वो सोचते हैं कि चॉकलेट, आइस्क्रीम की जगह केला या सेब खा लेते हैं, तो हमारा वजन भी नहीं बढ़ेगा और फायदा भी होगा। उनकी ये सोच बिल्कुल गलत है। हमें समझना होगा कि पका हुआ खाना पचाने में शरीर को 8 से 12 घंटे लगते हैं, जबकि फल को पचाने में 3 से 4 घंटे लगते हैं। ऐसे में जब हम पका हुआ खाना खाते हैं और हमारा शरीर उसे पचा ही रहा होता है कि हम फल खा लेते हैं, तो शरीर पहले पका हुआ खाना पचाता है, तब तक फल आंतों में सड़ने लगते हैं। ऐसे में फल फायदा पहुंचाने की जगह नुकसान करने लगता है। पेट की समस्याएं हो जाती हैं, इसलिए फल हमेशा खाली पेट ही खाएं। डिनर के बाद कभी न खाएं।

7. जब सीजन आये, तभी वो फल खाएं

हमेशा लोकल और सीजनल फ्रूट्स ही खाएं। आपके क्षेत्र में जो फल मिलते हैं, वह खाएं तो बेस्ट हैं। क्योंकि आपके शरीर को उनकी आदत होती है, वह आपने बचपन से खाया होता है तो आपका और लाभ मिलता है। इसके अलावा आम खाना है तो आम के सीजन में खाये। बारिश के सीजन में जामुन खाएं। ऐसा न करे कि स्टोर करके रख लें और बाद में उन फलों को खाएं। उस फल का सीजन नहीं हुआ और आपने स्टोर किया हुआ फल खाया तो आपको दिक्कत हो सकती है। मैक्सिमम न्यूट्रिशियन नहीं मिलता है।

इसके अलावा सालभर एक ही फल को खाते हुए न बिताएं। सभी प्रकार के, सभी रंगों के फलों को खाएं। इससे आपके शरीर को सभी प्रकार के पौषक तत्व मिलेंगे। इसके अलावा किसी भी फल की अति ठीक नहीं होती।