हर चीज की एक ‘सीमा’ है, वो हमें ही तय करना है

हर चीज की एक ‘सीमा’ है, वो हमें ही तय करना है

युवाओं में यह बात आजकल बहुत सुनने में आती है कि हमें सारी ‘सीमाएं’ तोड़नी होगी, तभी तरक्की करेंगे। समाज की बनाई हुई ‘बाउंड्री’ लाइन को खत्म करना होगा, किसी चीज की कोई ‘लिमिट’ नहीं होनी… वगैरह.. वगैरह…।

कुछ चंद मामलों में यह बात सही भी है, लेकिन यह बात भी उतनी ही सच है कि खुद के लिए कुछ मामलों में बाउंड्री सेट करना, सीमाएं तय करना जरूरी है। तभी हम खुश रह सकेंगे, ऊंचाईयों को छू सकेंगे, तरक्की कर सकेंगे, अपनी एक अलग पहचान बना सकेंगे। वे कौन-सी बातें हैं, जहां हमें सीमाएं तय करना बहुत जरूरी है, आज उन्हीं पर बात करते हैं।

वैसे आप सभी अपने अनुभव के आधार पर, जिंदगी में मिले सबक के आधार पर अपने हिसाब से हर चीज तय करें। आप इन्हें बाउंड्री भी कह सकते हैं या जीवन जीने के रूल्स या गाइडलाइन भी कह सकते हैं।

1. दोस्त और परिवार को लेकर बाउंड्री

आपको लगेगा कि ये लोग तो हमारे करीबी होते हैं, इन्हें लेकर क्या बाउंड्री सेट करना, लेकिन यह भी बहुत जरूरी है। आपको तय करना होगा कि परिवार व दोस्तों के साथ आपका कितना समय गुजारना जरूरी है। कई बार लोग दोस्तों के साथ इतना वक्त गुजारते हैं कि परिवार को भूल जाते हैं और कई बार परिवार के साथ हमेशा, हर वक्त रहने के कारण दोस्तों के साथ मस्ती करना कम कर देते हैं।

दोनों का अपना महत्व है, इसलिए समय तय करें। इसके अलावा दोस्तों व परिवार में ऐसे भी लोग होते हैं, जो बहुत गुस्सैल होते हैं या बहुत भावुक होते हैं, कुछ ऐसे होते हैं, जिन्हें पर्सनल सवाल पसंद नहीं, कुछ राजनीतिक मामलों में बहस करने लगते हैं, कुछ के पेट में कोई राज नहीं रहता। ऐसे लोगों को भी ध्यान में रख कर सीमा तय करें कि उनसे कितनी बात करनी है और किस विषय पर बिल्कुल भी बात नहीं करनी है ताकि बाद में माहौल बिगड़ने पर, रिश्ते खराब होने पर आपको पछतावा न हो।

2. खुद की लाइफ स्टाइल को लेकर बाउंड्री

सुबह कितने बजे तक सो सकते हैं, सोशल मीडिया पर कितना समय देना है, छुट्‌टी के दिन फोन बंद रखना है या नहीं, रात को कितनी बजे सोना है। ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर कब तक हो जाना चाहिए। खाने में फलां चीज बिल्कुल नहीं खानी है। हफ्ते में सिर्फ एक दिन खाने को लेकर चीट डे होगा। रात को कितने बजे के बाद आप किसी का फोन नहीं उठायेंगे। जैसी छोटी-छोटी बातों के लिए अपनी बाउंड्री तय करें। इस तरह की बाउंड्री सेट करने से आप अनुशासित रहेंगे, आपकी सेहत भी सही रहेगी और आप ऑर्गनाइज्ड भी रहेंगे।

3. ऑफिस में भी जरूरी है लिमिट तय करना

ऑफिस में लंच कितने बजे तक कर लेना है, ओवर टाइम करना है या नहीं, छुट्‌टी किसी के भी कहने पर कैंसल करना ठीक है या नहीं, साल में एक बार लंबी छुट्‌टी पर जाना है या नहीं, ऑफिस का काम घर लाकर करना है या नहीं। छुट्‌टी के दिन ऑफिस के फोन उठाना है या नहीं, ईमेल देखना है या नहीं, ऑफिस में घर की बात कितनी करनी ठीक है और किससे करनी ठीक है… जैसी कुछ सीमाएं तय कर लें, ताकि कोई आपका फायदा न उठा सके। लोगों को भी पता हो कि आप किन रूल्स को फॉलो करते हैं। इससे उन्हें भी सुविधा होगी, वे भी परेशान नहीं होंगे।

4. इन बातों के लिए भी बाउंड्री तय करें

  • फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप आदि पर कितना वक्त देंगे?
  • सोने के पहले या सुबह उठते ही मोबाइल देखेंगे या नहीं?
  • वर्चुअल फ्रेंड्स को अपने बारे में कितना बताएंगे?
  • ऑनलाइन शॉपिंग पर कितना खर्च करेंगे?
  • कौन-कौन सी खाने की चीजों को छोड़ देंगे?
  • कितनी देर एक्सरसाइज करेंगे?
  • बच्चों को समझायेंगे या डांटेंगे? क्या तरीका होगा?
  • किस लिमिट तक बच्चों की जिद मानेंगे?
  • कितने रुपये लग्जरी चीजों व लाइफ पर खर्च करेंगे?
  • महीने में कितनी बार होटल में खाना खायेंगे या घर में पिज्जा आयेगा।
  • कितने रुपये हर महीने सेविंग में डालेंगे?
  • किन करीबी लोगों को अपने दिल की बात बतायेंगे?
  • किस तरह के कामों के लिए ‘हां’ करेंगे और किस तरह के कामों के लिए ‘ना’ कहेंगे। ये जरूर तय करें।
  • किन नकारात्मक लोगों से आप बिल्कुल दूर रहेंगे।

दोस्तों, जिंदगी में अलग-अलग पहलुओं के लिए बाउंड्रीज तय करना जरूरी है। जब आप ऐसा कर लेते हैं तो बहुत सारा तनाव यूं ही कम हो जाता है। आप खुद को संयमित, ऑर्गनाइज्ड महसूस करते हैं।