गर्भवती महिला से कभी न कहें ये बातें

गर्भवती महिला से कभी न कहें ये बातें

मां बनना हर महिला की जिंदगी का सबसे खास पल होता है। जिस वक्त उसे पता चलता है कि वह मां बनने वाली है, उसकी दुनिया ही बदल जाती है। वह हर वक्त अपने अंदर पल रही उस नन्ही-सी जान के बारे में ही सोचती है। उसे महसूस करती है। वह कब उसकी गोद में आयेगा? वह कब उसकी मुस्कुराहट देखेगी? वह कब उसे मां कहेगा? उसका चेहरा कैसा दिखेगा? यह सोच-सोचकर वह खुश होती रहती है। इन सभी खुशनुमा पलों को और बेहतर बनाने के बजाय कई लोग गर्भवती महिला से ऐसी बातें कह देते हैं, जो उसकी खुशी को उदासी में बदल देती है और उसका पूरा असर बच्चे पर पड़ता है। इतना ही नहीं, उस होने वाली मां के लिए 9 महीने बहुत तनावग्रस्त रहते हुए बीतते हैं। यहां तक कि कई महिलाएं बच्चा हो जाने के बाद भी कई साल तक इस तनाव से बाहर नहीं निकल पाती। तो आइए, आज हम जानते हैं कि गर्भवती महिला से कौन-सी बातें नहीं कहनी चाहिए।

1. ‘वजन’ याद दिलाने की जरूरत नहीं

गर्भवती महिला से मिलने के बाद अक्सर महिलाएं बातों-बातों में पूछ बैठती हैं कि वजन कितना बढ़ा तुम्हारा? पहले कितना था? इस तरह वह घूमा-फिराकर उसे याद दिलाती हैं कि तुम्हारा वजन पहले के मुकाबले काफी बढ़ गया है। यह पूछने के बाद वह सांत्वना देते हुए कह देती हैं कि ‘चिंता मत करो। बेबी हो जाने के बाद एक्सरसाइज करके तुम दोबारा पहले जैसा वजन कर लेना। ऐसा न हो कि मोटी की मोटी रह जाओ।’ जब महिलाएं यह सब गर्भवती महिला से कहती हैं, तो वह गर्भवास्था को खुशी-खुशी जीने के बजाय अपने मोटापे को लेकर, शरीर में हो रहे बदलावों को लेकर परेशान हो जाती है। उसे पहले से ही चिंता सताने लगती है कि बेबी होने के बाद मैं पहले जैसी नहीं दिखने लगी, तो क्या होगा? इसलिए हर किसी को ये ध्यान रखना चाहिए कि ऐसी हालत में उस महिला से वजन को लेकर कोई बात न करें।

2. ‘देखना, बेटा ही होगा’ कह कर प्रेशर न दें

कई बार आस-पड़ोस की आंटिया जब अपनी सहेली की गर्भवती बहू से मिलने आती हैं, तो उसे देख कहती हैं ‘तुम्हारी चाल देखकर, चेहरे की शाइन देखकर मुझे यकीन है कि तुम्हें लड़का होगा।’ वे यह भी जताती है कि लड़का होगा और तुम्हें मेरे द्वारा बतायी गयी यह गुड न्यूज सुनकर अभी से खुश हो जाना चाहिए। यह बातें कर के एक तरह से वह गर्भवती महिला को यह बता देती हैं कि लड़का होना ही सही है, खुशी की बात है। वे उसे ‘देखना तुम्हें लड़का ही होगा…’ कह-कहकर इच्छा जगाती है कि वह भी बेटे का ही सपना देखे। इस तरह की बातों से गर्भवती महिला चिंता में भी पड़ जाती है कि सभी को लड़का होने की उम्मीद है। ऐसे में लड़की हो गयी, तो इन लोगों का रिएक्शन क्या होगा?

3. पहले से ही सांत्वना न दे

कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जो गर्भवती महिला से मिलती हैं, तो पहले से ही सांत्वना देने लगती हैं कि अगर लड़की हुई तो दुखी मत होना। लड़की तो लक्ष्मी का रूप होती है। वगैरह-वगैरह…। वैसे सांत्वना देना अच्छी बात है, अगर कोई दुखी है तो… लेकिन ये क्या बात हुई कि अभी डिलीवरी हुई ही नहीं है, कोई दुखी भी नहीं है और आप पहले से ही जता रहे हो कि लड़की होने से तुम दुखी होगी ही, तो सांत्वना अभी से दे देते हैं। इस तरह गर्भवती महिला और दुखी हो जाती है कि अगर लड़की हुई तो अब मुझे ऐसे ही सलाह, सांत्वना बिना मांगे मिलने वाली है। जबकि मुझे तो सच में खुशी होगी, अगर बेटी हुई तो। ये मुझे दुखी क्यों समझ रहे हैं?

4. सास की बातों का असर होता है सबसे ज्यादा

जब भी कोई महिला प्रेगनेंट होती है, तो उसे सबसे ज्यादा चिंता सास की होती है क्योंकि आमतौर पर सास लड़कों होने की बात ही कहती है। फिल्म, सीरियल्स आदि में देख कर लड़कियों के दिमाग में यह बैठा हुआ है कि सास तभी खुश होती है, जब बेटा होता है। ऐसे में सास की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि बहू को ये डर कभी न रहे कि सास लड़की होने पर नाराज होगी। लेकिन अक्सर सासू मांए बातचीत में ऐसी बात बोल जाती है कि उनकी इच्छा जाहिर हो जाती है। जैसे वे आस-पड़ोस के किस्से सुनाती हैं कि फलां की बहू को बेटा हुआ। वे खुद का किस्सा बताती हैं कि मेरी सास ने मुझे क्या-क्या कहा था, जब मैं मां बनने वाली थी। मुझ पर कितना दबाव था। कई बार खाने की चीजों का परहेज करते वक्त मुंह से निकल जाता है कि फलां चीज खा, बेटा गोरा होगा…। कई बार बच्चों के नाम पहले से सोचते वक्त सास सिर्फ लड़कों के ही अच्छे-अच्छे नामों की लिस्ट बनाती है। ये सारे संकेत होने वाली मां को चिंता में डाल देते हैं कि कहीं सास को पोता ही तो नहीं चाहिए?

5. दूसरे बच्चे के वक्त फैमिली कंप्लीट करने का प्रेशर न दें

अगर कोई गर्भवती महिला पहले से ही एक बच्चे की मां है तो भी उस पर काफी दबाव रहता है। अगर उसे अभी एक बेटा है, तो सब यह कहते हैं कि इस बार लड़की हो जाये, तो बढ़िया होगा। फैमिली कंप्लीट हो जायेगी। भाई को राखी बांधने वाली आ जायेगी। वहीं अगर पहले से एक बेटी है, तो बोलेंगे कि बेटा होना चाहिए। फैमिली कंप्लीट हो जायेगी। बहन को राखी बांधने के लिए भाई मिल जायेगा। घर को चिराग मिल जायेगा। इस तरह की बातें करना भी ठीक नहीं है। क्योंकि हो सकता है कि दुबारा बेटा हो और घर में दो बेटे हो जायें। या हो सकता है कि दुबारा बेटी हो और घर में दो बेटियां हो जाएं। फिर जब ऐसा होगा तो आप सांत्वना दोगे कि चलो, कोई बात नहीं। दुखी मत हो। हो सकता है कि आप तीसरे बच्चे के लिए भी ट्राय करने की सलाह दे ही दें। इसलिए ऐसी बातों से बचें।

6. अपनी डिलीवरी के दर्द वाले अनुभव सुना कर डराएं नहीं

महिलाओं को प्रेगनेंसी का आखरी महिनों में इस बात की चिंता सताती है कि उननकी नॉर्मल डिलीवरी होगी या सिजेरियन? वह कैसी होगी? दर्द कितना होगा? वह सहन कर पायेंगी या नहीं? दर्द अगर आधी रात को तेजी से हुआ, तो हॉस्पिटल कैसे जायेंगे? कौन ले जायेगा? सही समय पर पहंच जायेंगे या नहीं? बच्चा हेल्दी होगा या नहीं? ऐसे तमाम सवाल उसके जहन में घुम रहे होते हैं। ऐसे में अगर आप अपनी डिलीवरी के दर्दनाक एक्सपीरियंस सुनायेंगी, उसे कहेंगी कि मैं तो 12 घंटे तक लेबर पेन में तड़पती रही, डॉक्टर नहीं आ पाया था हॉस्पिटल… वगैरह-वगैरह… तो वह महिला और घबरा जायेगी और उसका डिलीवरी तक का सारा वक्त इसी टेंशन में गुजरेगा कि कब, कैसे होगा। वह अपने उस पल को एंजॉय नहीं कर पायेगी। इसलिए आपका अनुभव कैसा भी हो, आपको उन्हें केवल अच्छी बात ही बोलनी है कि मेरा तो सब बहुत आराम से हो गया था। कोई तकलीफ नहीं हुई थी। तुम्हें भी कोई दिक्कत नहीं होगी।

इन बातों का भी रखें ख्याल

  • गर्भवती महिला को बार-बार टोका-टोकी करने से बचें। हर बात पर टोकने से वह चिड़चिड़ी हो जाती है। बेहतर है कि उन्हें खुश रखें।
  • उन्हें जबरदस्ती धार्मिक किताबें पढ़ने, जाप करने, रामायण पढ़ने जैसे कामों को करने का दबाव न डालें। उनकी दिल से इच्छा होगी, तो वो करेंगी। बच्चे पर संस्कार अच्छे होंगे, ये कह कर अभी से दबाव न डालें।
  • उन्हें भरपूर सोने दें। उन्हें एक्सरसाइज का महत्व समझा दें, लेकिन ऐसा न करें कि जबरदस्ती घर के काम करवाएं यह कह कर कि एक्टिव रहना तुम्हारे लिए जरूरी है। काम करोगी, तो नॉर्मल डिलीवरी होगी।
  • उनसे ये सवाल बार-बार न पूछे कि तुम्हारे मुताबिक नॉर्मल डिलीवरी होगी या सिजेरियन?
  • उनसे ये भी न पूछे कि डिलीवरी के कितने दिनों बाद ऑफिस वापस जॉइन करोगी? इतनी छुट्‌टी मिल जायेगी तुम्हें? तुम्हें जॉब छोड़ देनी चाहिए कुछ सालों के लिए, वरना बच्चे की ग्रोथ पर असर पड़ेगा।
  • तुम्हें बेटा चाहिए या बेटी? ये सवाल तो कभी भी न पूछें।