पसीना बहाने के ८ फायदे

पसीना बहाने के ८ फायदे

शरीर में होने वाली अन्य प्रिक्रियाओ की तरह पसीना आना भी शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। कुछ लोगो को कम पसीना आता है तो कुछ लोगो को ज्यादा। आपके कपड़ो पर पसीने के दाग और पसीने की बदबू, किसी को भी पसंद नहीं है। खासकर जब गर्मी के मौसम में ज्यादा पसीना आता है तो अधिकांश लोगो को झुंझलाहट होती है और पसीना आने से रोकने के लिए पंखे और एयर कंडीशनर का उपयोग करते है। लेकिन, क्या आप जानते है की पसीना आना सेहत के लिए कितना फायदेमंद है?

क्यों आता है पसीना?

जैसा की हमने पहले भी कहा है की पसीना शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। ज्यादा काम करने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है और शरीर गर्म हो जाता है। ऐसी स्थिति में दिमाग कूल और कम्फर्टेबले होने की कोशिश करता है। दिमाग का हाइपोथेलेमस शरीर का सामान्य तापमान (३७ डिग्री सेंटीग्रेड) बनाये रखता है।

जब शरीर सामान्य तापमान से ज्यादा गर्म होता है तो यह मस्तिष्क को शरीर का तापमान बनाये रखने के लिए पसीना छोड़ने की सूचना देता है। जिसके फलस्वरूप शरीर के विभिन्न भागो में पसीना आने लगता है।

इससे यह बात तो स्पष्ट हो गयी की शरीर के सामान्य तापमान को बनाए रखने के लिए पसीना आना कितना जरूरी है।

पसीने द्वारा शरीर से पानी के साथ विषैले पदार्थ भी बाहर निकलते है जिससे कई बीमारियां दूर रहती है। यह शरीर से वाष्पित हो जाता है और शरीर का तापमान फिर सामान्य हो जाता है।

पसीना बहाने के फायदे

पसीना यानी "शरीर का एयर कंडीशनर"। यह शरीर के लिए एक कूलिंग सिस्टम का काम करता है जिसके शरीर के लिए कई स्वास्थ्य लाभ है।

तो आइये, अब हम पसीना बहाने पर होने वाले फायदों के बारे में चर्चा करते है।

१. वज़न घटाए

व्यायाम करते समय पसीना आने के साथ अतिरिक्त कैलोरी भी बर्न होती है जो वज़न घटाने में सहायक है। इसीलिए व्यायाम करने के बाद स्टीम बाथ लेना वेट लॉस प्रोग्राम का अच्छा हिस्सा हो सकता है।

२. शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है

पसीना आने का दूसरा फायदा है कि पसीने के साथ शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते है। पसीने द्वारा शरीर से अल्कोहल, नमक आदि पदार्थ बाहर निकलते है। एक शोध के अनुसार मूत्र और पसीने में उच्च मात्रा में धातुए होती है जिससे शरीर को धातुओं की सांद्रता से छुटकारा मिलता है। यह प्रक्रिया किडनी, लिवर और आंतों की सफाई में मदद करती है।

पसीने के साथ शरीर से अतिरिक्त सोडियम और पोटैशियम भी बाहर निकलता है। इससे शरीर का केमिकल बैलेंस बना रहता है।

३. किडनी स्टोन की संभावना कम करता है

पसीने के कारण किडनी में पथरी होने के संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। किडनी में पथरी, नमक और कैल्शियम के जमा होने से बनती है और पसीने द्वारा नमक शरीर से बाहर निकल जाता है और कैल्शियम को हड्डिया सोख लेती है।

पसीना निकलने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है। मतलब आप पानी भी ज्यादा मात्रा में पिएंगे। ये दोनों ही चीजें किडनी में पथरी बनने से रोकती है।

४. साफ़ और चमकदार त्वचा

पसीने के साथ शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते है जिससे त्वचा के रोम छिद्र खुलने लगते है और त्वचा साफ़ होने लगती है। पसीना एक नैचरल क्लीन्ज़र है जो त्वचा के रोम छिद्रो को खोल आपके शरीर से सभी गन्दगी और बैक्टीरिआ निकालता है, जिससे त्वचा साफ़ हो जाती है। साफ़ त्वचा से मुंहासो की समस्या भी कुछ हद तक कम हो जाती है।

अधिक पसीना निकलने से डेड स्किन निकल जाती है, जिससे त्वचा में प्राकृतिक निखार आता है। पसीना आने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जो त्वचा को आतंरिक चमक देता है। इतना ही नहीं, पसीने से त्वचा मुलायम और स्वाभाविक रूप से चमकदार हो जाती है।

५. रक्त संचार बढ़ता है

पसीना निकलने से त्वचा के रोम छिद्र खुल जाते है जिसमे से पसीने के साथ गन्दगी और बैक्टीरिआ निकलते है। ऐसे में त्वचा को ज्यादा रक्त की जरूरत होती है जिससे संपूर्ण शरीर में रक्त संचार तेजी से होने लगता है। हम यहाँ यह कह सकते है की शरीर में रक्त संचार ठीक ढंग से होने के लिए थोड़ा पसीना बहाना फ़ायदेमंद है।

६. तनाव कम होता है और मूड ठीक होता है

व्यायाम करने के बाद पसीना आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। शरीर से पसीना निकलने से शरीर का तापमान संतुलित रहता है जिससे तनाव कम होता है। पसीने का यह एक बड़ा हेल्थ बेनिफिट है।

और निश्चित ही, जब तनाव कम होगा तो मूड भी बेहतर होगा। भारी कसरत करने से शरीरअधिक एंडोर्फिन छोड़ता है जिसे "हैप्पी हॉर्मोंन" भी कहते है, जो ख़ुशी को बढ़ाता है।

७. बाल भी स्वस्थ रखता है

पसीना त्वचा के साथ-साथ बालो के लिए भी फायदेमंद है। जब आपको बालो में स्काल्प पर पसीना आता है तो रोम छिद्र खुल जाते है जो बालो के विकास में सहायक है। लेकिन जब बालो में ज्यादा पसीना आये तो माइल्ड शैम्पू से बाल धो ले।

८. इम्युनिटी बढ़ाता है

एक अध्ययन से पता चला है की पसीने में ९५ प्रोटीन होते है जिनमे से २० नोवल डिफेंस प्रोटीन होते है। शरीर में डर्मसीडिन, विशेष रूप से पसीने की ग्रंथिया है जो पसीने के साथ स्वेट प्रोटीन को त्वचा की सतह तक पहुँचाती है। ये डिफेंस प्रोटीन त्वचा पर अदृश्य सेना की तरह रोग पैदा करने वाले कीटाणुओं से लड़ता रहता है।

घर, दफ्तर और यहाँ तक की सफर में भी आजकल एयर कंडीशनर होने की वजह से लोग पसीना आने ही नहीं देते। लेकिन यह शरीर के लिए बहुत जरूरी प्रक्रिया है। अगर आपको स्वाभाविक रूप से पसीना नहीं आता है या आप हमेशा पसीने को आने से रोक रहे है तो शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया बाधित हो जाती है जिससे घबराहट, ब्‍लड प्रेशर और बुखार भी आ सकता है।