इन 7 टिप्स से बनें लोगों के फेवरेट

इन 7 टिप्स से बनें लोगों के फेवरेट

हर इंसान चाहता है कि लोग उसे पसंद करें। तीज-त्योहार में उसे याद करें। घर बुलाएं। जब भी आमना-सामना हो, गर्मजोशी से मिलें, लेकिन ऐसा होता नहीं है। कुछ मामलों में तो सामनेवाले का स्वभाव ही ऐसा होता है, लेकिन कई बार गलती हमारी भी होती है। हमें अपने अंदर ऐसे गुणों को विकसित करना होगा कि लोग हमें पसंद करें। आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातें बता रहे हैं।

1. लोगों की समस्या याद रख उनसे हालचाल पूछें

जब कभी भी बातचीत में कोई अपनी समस्या बताये, तो उसकी बात को ध्यान से सुनें और याद रखें। इसके बाद जब कभी दोबारा वो व्यक्ति मिले तो उस समस्या के बारे में जरूर पूछें कि वह हल हो गयी या नहीं? अगर व्यक्ति न भी मिले, तो खुद उसे फोन कर उसका हालचाल और वह समस्या पूछें।

इस तरह सामनेवाले को महसूस होगा कि आपको उसकी चिंता है, ख्याल है। उदाहरण के तौर पर किसी ने बताया कि मां हॉस्पिटल में एडमिट है। तो कुछ दिनों बाद फोन लगाकर पूछें कि आंटी जी की तबीयत अब कैसी है? अगर किसी ने बातचीत में कहा कि फलां तारीख को मेरी एग्जाम है, उसकी तैयारी में लगा हूं। तो उस तारीख के निकल जाने के बाद फोन लगाकर पूछे कि परीक्षा कैसी गयी?

आपको लगेगा कि आज के समय में इतना सब याद रखने और पूछने का समय किसके पास है? फालतू काम है ये सब। लेकिन यकीन मानिए ये बात ही आपको दूसरे से अलग करेगी। क्योंकि आजकल कोई किसी का इतना ध्यान नहीं रखता, इसलिए जब आप ऐसा करेंगे तो आप उनके फेवरेट हो जायेंगे। ये एक अच्छी आदत है।

2. लोगों का नाम याद रखना सीखें

अक्सर लोग अपने दूर के रिश्तेदारों के नाम याद नहीं रख पाते। कई लोग अपने साथ काम करने वाले लोगों के नाम ही भूल जाते हैं। कुछ अपने दोस्त के लाइफ पार्टनर का नाम भूल जाते हैं। ‘सॉरी, बच्चे का नाम क्या बताया था आपने? ये कहते हुए बच्चों का नाम उनसे हर मुलाकात में पूछते हैं। यह सब बातें आपकी छवि खराब करते हैं। रिश्तेदार भी जब किसी शादी में मिलते हैं और पूछते हैं कि ‘पहचाना मुझे?’ तो आप शर्मिंदा हो जाते हैं।

इसलिए जिस तरह स्कूल में पढ़ाई के दौरान आंसर याद करते थे, उसी तरह नाम याद करना सीखें। हो सकें तो दोस्त का नाम अपने मोबाइल में सेव करते वक्त उसके साथ पत्नी, बच्चों के नाम भी जोड़ लें। इस तरह सारे नाम एक साथ नजर आ जायेंगे। ये एक ट्रिक है। उदाहरण के तौर पर ‘मुकेश, कविता, बिल्लू, पिंकी’। दोस्त मुकेश का नंबर इस नाम से सेव करें।

3. आप जैसे हैं, वैसे ही खुद को पेश करें

कई बार हम लोगों के सामने अपनी असली छवि, हालात छुपाने की कोशिश करते हैं। हमें लगता है कि लोग हमारा मजाक उड़ायेंगे या हमें खुद के ग्रुप में शामिल नहीं करेंगे। ऐसे में कभी-कभी हम खुद को अमीर दिखाने की कोशिश करते हैं। दूसरों से उधार लेकर कपड़े पहन लेते हैं। बातचीत में शेखी बघारते हैं कि फलां बड़ी कंपनी में काम करते हैं। हमारे अंडर में इतने लोग काम करते हैं, ऐसी बातें करते हैं।कई बार स्टूडेंट्स खुद के कम नंबर बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं। पापा की गलत जॉब दोस्तों को बताते हैं।

ये सब करना ठीक नहीं। जब आप ऐसा करते हैं, तो आपको पता होता है कि आप झूठ बोल रहे हैं। ऐसे में आपको हमेशा डर बना रहता है कि कहीं आपका झूठ पकड़ा न जाये। इस तरह आपका कॉन्फीडेंस हमेशा डगमगाया हुआ रहता है। इसकी जगह जब आप जैसे हैं, वैसे खुद को पेश करते हैं, कुछ नहीं छिपाते तो आपको किसी बात का डर नहीं होता। सच्चाई आपके चेहरे से झलकती है। आपका कॉन्फीडेंस भी नहीं गिरता। एक बात और यह है कि कई बार लोग आपके झूठ को जान लेते हैं, लेकिन आपको बताते नहीं। ऐसे में आपकी छवि नकारात्मक बनती है। आप लोगों का दिल कभी नहीं जीत पाते।

4. इधर की बात उधर न करें

लोगों की बातों को ध्यान से सुनें। उन्हें अटेंशन दें। कोई भी काम कर रहे हैं तो उसे रोक दें और उनकी ओर देखें। इसके अलावा अगर किसी ने आपको कोई समस्या बतायी तो उसकी ये बात किसी और से शेयर न करें। उसके पीठ पीछे बात न करें, क्योंकि कभी उस इंसान को वो बात पता चल गयी कि आपने उनकी ये बात सभी को बता दी तो वो आप पर कभी भरोसा नहीं करेगा।

कई बार ऐसा होता है कि किसी ने हमें बात बता कर कहा कि ‘किसी से मत कहना’। हमने अपनी मां को बात बता कर कहा ‘किसी से मत कहना’। मां ने अपनी पक्की सहेली से कहा ‘किसी को मत बताना’। ऐसे ये चेन चलती रहती है क्योंकि हर किसी के पास कोई खास होता है, जिसे वह हर बात बताता है। इसलिए ऐसी गलती न करें। कोई कुछ बताएं तो बात अपने तक ही सीमित रखें। अपने किसी खास को भी न बताएं। यही सही तरीका है।

5. बातचीत में ताना ना मारें

जब ऐसे किसी के घर जाएं जिनके घर में बच्चे हों तो बच्चे के लिए चॉकलेट या बिस्कुट या खिलौना जैसी चीज लेकर जाएं। घर में कोई बुजुर्ग हो तो उनके पैर छुएं। उनका हालचाल पूछें। खाना खाएं, नाश्ता करें तो उसकी तारीफ करें। कभी भी किसी बात को लेकर ताना ना मारें।

उदाहरण के तौर पर अगर सामनेवाले के घर में कुछ महीनों पहले कोई शादी थी और उसने आपको नहीं बुलाया था तो अभी आपको ताना मारने की जरूरत नहीं कि ‘भैया, हमें तो आपने बुलाया ही नहीं। आप तो हमें भूल ही गये।’ अगर आप उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा होते तो वो आपको जरूर बुलाते। हो सकता है कि अहम हिस्सा हो, लेकिन किसी मजबूरीवश नहीं बुला पाये हो। ऐसे में ताना मारकर आप उनको छोटा दिखाने का प्रयास करेंगे, तो आप खुद छोटे लगने लगेंगे। वे आपको इस आदत की वजह से नापसंद करने लगेंगे

6. लोगों की तारीफ करना सीखें

आजकल लोग एक-दूसरे से इतना ज्यादा कॉन्पीटिशन रखते हैं कि तारीफ करना ही बंद हो गया है। आप ये आदत जरूर डेवलप करें। हर किसी में कोई न कोई अच्छी बात जरूर होती है, आपको बस उस आदत, उस खूबी को पहचान कर उनकी तारीफ करना है। आप धाराप्रवाह इंगलिश बोलने की तारीफ करें, खाना बनाने की तारीफ करें, ड्रेसिंग सेंस की तारीफ करें, घर को सजाने, साफ रखने की कला की तारीफ करें, बच्चों को अच्छे संस्कार देने की तारीफ करें।

ये सब नहीं तो लंबे बालों की तारीफ करें, साड़ी की तारीफ करें, लिपस्टिक के शेड की तारीफ करें। इन सब में ये बात जरूर याद रखें कि तारीफ उसी चीज या बात की करें, जो सच में तारीफ के काबिल हो। जबरदस्ती किसी भी चीज को अच्छा बोलने लगेंगे तो लोग आपका झूठ पकड़ लेंगे। इसलिए अच्छाई तलाशें, फिर दिल से उसकी तारीफ करें, तभी ये बात लोगों के दिलों को छू जायेगी।

7. लोगों की पसंद जानें और उस विषय पर ही बात करें

कई बार लोग अपनी बातों से बोर करते हैं। अपने ही किस्से घंटों सुनाते रहते हैं। कई बार बुजुर्ग महिलाएं घंटों सुनाती हैं कि उनकी सास ने उन पर क्या-क्या जुल्म किये। कई बॉस अपने संघर्ष के दिनों की दास्तान सुनाते हैं कि कैसे उन्होंने मेहनत की। कुछ हद तक ये बातें अच्छी लगती हैं, लोग इससे सीख भी लेते हैं, लेकिन जब आप हमेशा ही ऐसे किस्से लेकर बैठ जाते हैं, तो लोग आपसे पीछा छुड़ाने लगते हैं।

आप जब उनके घर जाते हैं, तो बीमारी का बहाना कर बेड से नहीं उठते, बाहर काम से जाना है कहकर निकल जाते हैं। आपको ये सारे संकेत समझने चाहिए। बेहतर यही होगा कि कोई भी बात सुनाते वक्त देखें कि लोगों का रिएक्शन क्या है? कहीं वो बोर तो नहीं हो रहे? कोई ऊबासी तो नहीं ले रहा? मोबाइल या घड़ी की ओर बार-बार तो नहीं देख रहा? तुरंत अपना विषय बदलें।