बच्चों के सामने ड्रिंक करना सही या गलत?

बच्चों के सामने ड्रिंक करना सही या गलत?

जिन घरों में ड्रिंक करना आम बात हो या खास मौकों पर दोस्त-रिश्तेदारों के साथ ड्रिंक किया जाता हो, ऐसे पैरेंट्स के दिमाग में कुछ सवाल हमेशा घुमा करते हैं, जैसे - बच्चों के सामने ड्रिंक करना ठीक है या नहीं? उन्हें कमरे में सुलाने के बाद चुपचाप पार्टी करें तो कैसा रहेगा? लेकिन वो अचानक उठकर आ जायेंगे तो क्या सोचेंगे? बच्चे अगर हमें ड्रिंक करते देखें और सवाल पूछें कि ये क्या है? तो उन्हें क्या जवाब दें? क्या बच्चों की खातिर ड्रिंक करना ही छोड़ दें? अगर हमें देख कर बच्चे भी उम्र से पहले ड्रिंक करना सीख गये? और बिगड़ गये तो? इन सब का उन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? ऐसे तमाम सवालों के जवाब आज हम बताने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें बताये कुछ सुझाव ऐसे पैरेंट्स के भी हैं, जिन्होंने इन उपायों को आजमाया है और उन्हें फायदा हुआ है।

वैसे ड्रिंक करना सेहत के लिए नुकसानदायक है… जैसी बातें अक्सर लोग बोलते हैं, कुछ मानते हैं… बहुत से नहीं भी मानते… इसलिए इन बातों पर बहस करना फिजूल है। इसलिए हम यहां केवल उन्हीं घरों की बात करेंगे, जहां ड्रिंक की जाती है।

1. व्यवहार में अंतर न आये केवल इतना पीएं

बच्चों के सामने ड्रिंक करना तब बहुत गलत हो जाता है, जब ड्रिंक करने के बाद पैरेंट्स के व्यवहार में अंतर आ जाता है। कुछ पैरेंट्स भावुक होकर रोने लगते हैं, कुछ फिजूल की बातें बड़बड़ाने लगते हैं, कुछ झगड़ते हैं। बॉस, पड़ोसी, रिश्तेदार को गालियां देते हैं। पति अपनी पत्नी से झगड़ते हैं। ऐसे तमाम बदलाव बच्चे तुरंत नोटिस कर लेते हैं। फिर वे सोचते लगते हैं कि फलां चीज उन्होंने पी, इसलिए ऐसा व्यवहार कर रहे हैं। ऐसे में वे या तो उस ड्रिंक से नफरत करने लगते हैं या उसकी तरफ आकर्षित होते हैं। कहने का मतलब ये है कि बच्चा उस चीज के बारे में सोचने लगता है। इसलिए बेहतर है कि केवल उतना ही ड्रिंक करें, जितने से आपके व्यवहार में कोई अंतर न आये। आप अपने कंट्रोल में रहे। अगर आपने ड्रिंक करने के बाद भी सामान्य व्यवहार किया तो आमतौर पर बच्चे इसे सामान्य रूप से ही लेंगे।

2. ये बड़ों की कोल्ड्रिंक है

बच्चा जब तक बोलना नहीं सीखता, तब तक तो पैरेंट्स को चिंता नहीं होती क्योंकि बच्चे को कुछ समझ नहीं आता, लेकिन जैसे-जैसे बच्चा बोलने लगता है, खाने-पीने की चीजों को लेकर सवाल पूछने लगता है कि ये क्या है? उस वक्त आपको सतर्क हो जाना चाहिए। 9-10 साल तक के बच्चों को आप कह सकते हैं कि ये बड़ों का कोल्ड्रिंक है। जैसे छोटे बच्चों की दवाई मीठी और बड़ों की दवाई कड़वी होती है, वैसे ही बच्चों का कोल्ड्रिंक और बड़ों का कोल्ड्रिंक भी अलग-अलग होता है।

3. उन्हें बच्चों वाला कोल्ड्रिंक दें

जब आपके फेंड्स, रिलेिटव ड्रिंक कर रहे हो, आप सभी के बच्चे भी घर में मौजूद हो तो बेहतर है कि उन्हें दूसरे कमरे में पार्टी करने दें। बच्चों के लिए उसी कलर की कोल्ड्रिंक अरेंज कर सकते हैं। ऑरेंज जूस आदि भी ठीक रहेगा। उन्हें उनकी पार्टी करने दें। गेम्स खेलने दें। इससे बच्चों को भी पैरेंट्स की कोई पार्टी अजीब नहीं लगेगी और वे सवाल नहीं पूछेंगे।

वैसे कोशिश करें कि अगर रातभर पार्टी होने वाली है, सभी बड़े ड्रिंक करने वाले हैं, मस्ती करने वाले हैं, तो ऐसी पार्टी घर पर न करें। किसी ऐसे इंसान के घर पर करें, जिनके यहां बच्चे मौजूद न हों। आप अपने बच्चों को घर पर किसी बड़े के साथ छोड़कर जाएं

4. टीनेज बच्चों से बात करें

जब बच्चे टीनेज में पहुंच जाते हैं, तब वे सबकुछ समझने लगते हैं। ऐसे में बच्चों से इस विषय पर बात कर सकते हैं। उनके विचार जान सकते हैं कि वे इस बारे में क्या सोचते हैं। अगर आपके व्यवहार में ड्रिंक करने के बाद कोई अंतर नहीं आता होगा, तो बच्चे भी ड्रिंक करने को गलत नहीं कहेंगे। ये सब बातें घर के माहोल में निर्भर करेंगी कि बच्चा इतने सालों में ये सब देख कर क्या सोचता और समझता है। हां, अगर बच्चे ने कह दिया कि आप ड्रिंक मत किया करो, तब आपको उनकी बात माननी होगी। क्योंकि अगर आप अभी उन्हें डांटकर चुप करा देंगे या उनकी ये रिक्वेस्ट नहीं मानेंगे, तो हो सकता है कि भविष्य में वे भी आपकी कोई बात न मानें और आपको टका से जवाब दे दें।

5. बच्चों को एजुकेट करें

आजकल कई बच्चे क्लास 12 में ही दोस्तों के साथ ड्रिंक करना शुरू कर देते हैं। इसलिए पैरेंट्स को चाहिए कि घर का माहोल ऐसा हो कि बच्चे से इस विषय पर अच्छी तरह खुलकर बात हो। जिस तरह इस उम्र के बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन जरूरी है, उसी तरह ड्रिंकिंग को लेकर भी उन्हें एजुकेट करना जरूरी है। उन्हें इसके सेफ्टी टिप्स बताएं ताकि वे कोई गलती न कर बैठें

वैसे अगर आप सोचते हैं कि आपके बच्चे को ड्रिंक करना ही नहीं चाहिए, इससे वे बिगड़ जायेंगे तो ये बातें उन्हें अब आप नहीं बोल सकते, क्योंकि उसने बचपन से आपको ड्रिंक करते देखा है, इसलिए इस बारे में पहले से सोच लें।

6. अपने बड़े बच्चों से लें कुछ प्रॉमिस

वैसे कई पैरेंट्स ऐसे भी हैं, जो बिल्कुल ड्रिंक नहीं करते, लेकिन इसके बावजूद बच्चे ड्रिंक करना सीख जाते हैं। दरअसल बच्चे सिर्फ पैरेंट्स के कारण ही चीजें नहीं सीखते। बाहर दोस्तों व सोसाइटी से भी सीखते हैं। अगर आपको लगता है कि आपके डांटने से, मारने से वे ड्रिंक करना छोड़ देंगे तो ये आपकी गलतफहमी है। हो सकता है कि अगली बार में आपसे छुपकर पीएं इसलिए बेहतर है कि उन्हें एजुकेट करें। उन्हें ड्रिंकिंग के रूल्स, सेफ्टी टिप्स बताएं। उनसे वादा लें कि ड्रिंक करने के बाद ड्राइव नहीं करोगे। अनजान लोगों के साथ नहीं पीओगे। पैरेंट्स को बता कर ही हर जगह जाओगे। लिमिट में पीओगे। स्मोकिंग और दूसरी नशीली चीजों से दूर रहोगे। ऐसी तमाम बातें करने से धीरे-धीरे आप भी रिलेक्स हो जायेंगे कि बच्चा समझदार है, अपना ख्याल रख सकता है।