बच्चों ने आपसे सीखी हैं ये 5 बुरी आदतें

बच्चों ने आपसे सीखी हैं ये 5 बुरी आदतें

पैरेंट्स अक्सर बच्चों को डांटते हैं कि खाते वक्त मत बोला करो, टीवी देखते हुए खाना मत खाओ, बाहर से आकर हाथ धो लो, पैरेंट्स को उल्टा जवाब मत दो… वगैरह… वगैरह…। लेकिन वो भूल जाते हैं कि ये आदतें और ऐसी तमाम आदतें बच्चे उन्हीं से सीखते हैं। आपने भले ही ये नोटिस नहीं किया हो, लेकिन बच्चे हर चीज नोटिस करते हैं। वे वही करते हैं, जो उन्होंने पैरेंट्स को करते देखा है। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे ऐसी बुरी आदतों से दूर रहे, अच्छे इंसान बने, अच्छा व्यवहार करें तो इसके लिए पहले आपको खुद में सुधार लाना होगा

आज हम आपको उन आदतों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें लेकर पैरेंट्स हमेशा बच्चों को टोकते हैं, लेकिन बच्चों ने वे आदते पैरेंट्स को देख-देखकर ही सीखी हैं।

1. टीवी, मोबाइल, लैपटॉप की लत

पैरेंट्स अक्सर बच्चों की मोबाइल व लैपटॉप में गेम खेलने की, खाना खाते वक्त कार्टून देखने की आदत से परेशान रहते हैं। दिनभर उन्हें डांटते रहते हैं कि मोबाइल छोड़ो। दूसरे गेम्स खेलो, पढ़ाई करो, घरवालों से बात करो। फिर जब बच्चे उनकी ये बात मानकर ऐसा करते हैं, तो पैरेंट्स निश्चिंत होकर खुद मोबाइल लेकर बैठ जाते हैं। वेब सीरीज देखते हैं, सोशल साइट्स पर स्क्रॉल करते रहते हैं।

बच्चे ये बात नोटिस करते हैं और सोचते हैं कि पैरेंट्स खुद मोबाइल में लगे रहते हैं और हमें मना करते हैं। इस तरह बच्चों के सामने आपकी छवि भी बिगड़ती है और अगली बार टोकने पर बच्चे उल्टा जवाब देते हैं, तर्क देते हैं कि आप भी तो देखते हो। तब आप उन पर और गुस्सा करते हो कि बड़े देख सकते हैं, लेकिन आप नहीं।

2. जोर-जोर से बोलना, चीखना-चिल्लाना

कई बार ऑफिस के टेंशन, कपल के रिलेशन, रुपयों की टेंशन, घर के अन्य सदस्यों की वजह से पैदा हुए तनाव आदि बातों की वजह से पैरेंट्स गुस्से में आ जाते हैं। झगड़ा करते हैं। कभी एक-दूसरे पर चीखते-चिल्लाते हैं, तो कभी फोन पर किसी और से झगड़ते हैं। हम ये व्यवहार अनजाने में बच्चों के सामने ही करने लगते हैं। गुस्से में हम भूल जाते हैं कि बच्चा हम देख व सुन रहा है।

साथ ही सीख रहा है कि ऐसी परिस्थितियों में कैसे चीखा और चिल्लाया जाता है। अपनी बात कैसे चीख-चीख कर कही जाती है। झगड़े में चीजों को कैसे फेंका जाता है, तोड़ा जाता है ताकि सामनेवाला डर जाये। फिर जब बच्चे किसी से झगड़ा करते हैं, उदाहरण के तौर पर भाई-बहन से, पैरेंट्स से, दोस्तों से… तो वे भी ठीक ऐसा ही व्यवहार करते हैं, तब पैरेंट्स उन्हें सीख देते हैं कि ऐसी चीखना-चिल्लाना गलत बात है… जिसका कोई मतलब नहीं रह जाता।

3. हेल्थ पर ध्यान न देना

कई घरों में देखा गया है कि घर के बड़े कुछ सब्जियों को लेकर बात नाक- मुंह बनाते हैं। पति अपनी पत्नी से साफ कह देते हैं कि मैं करेला नहीं खाता, कद्दू नहीं खाता, लौकी नहीं खाता…जब बच्चे पैरेंट्स को ऐसा करते देखते हैं तो वो भी सीखते हैं कि जब किसी चीज का टेस्ट पसंद न आये तो सीधे खाने से इंकार कर दो। घर के बड़े भी तो यही करते हैं

कई पैरेंट्स खुद पिज्जा, बर्गर, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, कोल्डड्रिंक्स आदि के शौकीन होते हैं। समय-समय में इन चीजों को मंगवाते रहते हैं। फिर जब बच्चे इन चीजों को पसंद करने लगते हैं, इनके आदि हो जाते हैं, हर वक्त यही खाने की जिद करते हैं, तब पैरेंट्स उन्हें डांट कर कहते हैं कि ये चीजें हेल्दी नहीं होती।

4. देर से उठना, देर से सोना

कई पैरेंट्स देर रात तक टीवी, मोबाइल देखते हैं। पार्टी करते हैं, दोस्तों से गप्प मारते हैं। बच्चे भी उनका देखा-देखी जागे रहते हैं। कुछ न कुछ एक्टिविटी करते रहते हैं। इस तरह सभी देर रात को सोते हैं। ऐसा करने से उनकी नींद पूरी नहीं होती और दूसरे दिन बच्चों को स्कूल में नींद आती हैं। आंखों में रेड नेस आ जाती हैं।

यही बात जागने पर भी लागू होती है। कई पैरेंट्स 9-10 बजे आराम से उठते हैं, तो बच्चे भी देर से उठते हैं। इस तरह उनमें सुबह जल्दी उठने की आदत डेवलप नहीं हो पाती। सुबह जल्दी उठने के फायदे वे समझ नहीं आते

5. आलस में होने वाली गलतियां

कई बार पैरेंट्स आलस की वजह से कोई चीज खाते हैं और रैपर, छिलका डस्टबिन की जगह टेबल पर रख देते हैं। प्लेट, चाय का कप सोफे के नीचे खिसका देते हैं। डाइनिंग टेबल की बजाय बेड पर ही खाना खा लेते हैं। कोई चीज कहीं से उठायी तो वापस उस जगह पर नहीं रखते। मन नहीं कर रहा तो बिना ब्रश किया नाश्ता कर लेते हैं। कई बार नहाना टाल देते हैं।

ये सारी हरकतें बच्चे देखते हैं और फिर वे भी ऐसा ही करते हैं। तब हम उन पर चिल्लाते हैं कि नहाये क्यों नहीं। ये चीज यहां क्यों रखी, सही जगह पर रखो। बेड पर बैठकर क्यों खा रहे हो, गिर जायेगा। टेबल पर खाओ। बेहतर होगा कि ये सब बुरी आदतें पहले हम छोड़ें।

इन बातों का जरूर रखें ख्याल-

  • वादा निभाना, समय का पाबंद होना, ऑर्गनाइज्ड रहना, बड़ों से आदर से बात करना, साफ-सफाई से रहना, पीठ पीछे बुराई न करना, झूठ न बोलना जैसी तमाम बातें बच्चे अपने पैरेंट्स को देखकर सीखते हैं इसलिए बहुत सतर्क रहें।
  • घर में जब भी किसी ऐसे मुद्दे पर बात करनी हो, जिसे लेकर झगड़ा हो सकता है तो पहले ही ध्यान रखें कि बात तभी करें, जब बच्चा आसपास न हो। बच्चा आपकी बातें सुन न सके।
  • बड़ों को भी आपस में सम्मान से बात करना चाहिए। अगर पति अपनी पत्नी को झिड़केंगे, उट-पटांग बोलेंगे, डांटेंगे तो बच्चे भी यही करेंगे। वहीं अगर पत्नी अपने पति को ताने मारेगी तो बच्चे भी पिता की इज्जत नहीं करेंगे। आप तो बोलकर भूल जाएंगे, नॉर्मल हो जायेंगे, लेकिन बच्चा आपकी इज्जत दोबारा नहीं कर पायेगा।
  • यदि आपका बच्चा कुछ गलत करता है तो उसे अकेले में ले जाकर समझाएं। सबके सामने चिल्लाना ठीक नहीं।
  • पैरेंट्स को सही टाइम पर सोना और उठना चाहिए, ताकि बच्चे भी ऐसा ही करें। ऑफिस का बहुत जरूरी काम हो तो कभी-कभी चल सकता। लेकिन अगर मूवी देखेंगे, गेम खेलेंगे, चैट करेंगे तो बच्चा भी यही करेगा।
  • पैरेंट्स न खुद जंक फूड खाएं और न बच्चों को खाने दें। आप उन्हें एक-दो बार खिला देंगे, लेकिन फिर उन्हें इनकी लत लग जायेगी। बेहतर है कि पहले ही सतर्क रहे।
  • पैरेंट्स सभी सब्जियां खाएं, जो सेहत के लिए जरूरी हैं। वरना ऐसा न हो कि आपने दो सब्जियां खाने से मना किया, वो 5 सब्जियों को खाने से मना कर दें।
  • घर का बना खाना खाने की आदत डाले। अगर आप बार-बार होटल से खाना मंगायेंगे, तो बच्चे को भी इसकी लत लग जाएगी और उसे घर का हेल्दी खाना अच्छा नहीं लगेगा।
  • पैरेंट्स अपनी डायट और एक्सरसाइज पर ध्यान दें। जब बच्चे आपको जॉगिंग करते, एक्सरसाइज करते, योग करते देखते हैं, तो वे भी फिटनेस को लेकर अवेयर होते हैं।
  • बच्चों के टीवी देखने, मोबाइल में गेम खेलने का समय फिक्स करें। आधा घंटा या एक घंटा। इस बात का जरूर ध्यान रखें कि जो वो देख रहे हैं, उसका बच्चों पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े।