जिंदगी की इन 6 कड़वी सच्चाईयों को जानना है बहुत जरूरी

जिंदगी की इन 6 कड़वी सच्चाईयों को जानना है बहुत जरूरी

इंसान हर दिन कुछ नया सीखता है। उसमें सुधार होता जाता है। कहते हैं कि जिसकी जितनी उम्र होती है, जिंदगी को लेकर उसके अनुभव भी उतने ही होते हैं। जिंदगी के कड़वे सच समझते-समझते बुढ़ापा आ जाता है, तब लगता है कि काश किसी ने हमें ये सब पहले ही समझा दिया होता, तो जिंदगी इतनी तकलीफदायक नहीं होती। अगर आप भी सभी की तरह बुजुर्ग होने पर पछताना नहीं चाहते, तो आज हम आपको बता रहे हैं जिंदगी के कुछ ऐसे कड़वे सच, जो आप जितनी जल्दी समझ लेंगे, आपके लिए बेहतर होगा।

1. कल किसने देखा है, इसलिए हंसी-खुशी प्रेम से रहे

जन्म तो आपको 9 महीने तैयारी का मौका देता है, लेकिन मृत्यु अचानक आ जाती है। कब, कौन हमें छोड़कर भगवान के पास चला जायेगा, ये कोई नहीं जानता। हम खुद के बारे में भी ये नहीं जानते हैं कि कल का दिन हम देख पायेंगे या नहीं? इसलिए इस सच को स्वीकारें, समझें और लोगों के साथ मिल-जुलकर रहें। खुद की खुशी के लिए वक्त निकालें। उन लोगों के साथ समय बिताएं, जो हमें बहुत चाहते हैं।

आज हमारे माता-पिता, भाई-बहन, जीवनसाथी, बच्चे सब हमारे पास हैं, क्यों न सभी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय हंसते-गाते, अच्छी यादें संजोते हुए बिताएं। अपने दिल की बात उनसे खुलकर कह दें, प्यार जताएं, नाराजगी खत्म करें, गलतफहमियां दूर करें, गलतियों को माफ कर दें। कहीं ऐसा न हो कि कल इनमें से कोई भी अचानक किसी वजह से हमारा साथ छोड़कर चला जाये और हमारे हाथ में सिर्फ पछतावा रह जाये।

2. पैसे के पीछे भागना सबसे बड़ी गलती

माना कि पैसे से आरामदायक जिंदगी पायी जा सकती है, लेकिन यह भी सच है कि पैसा कभी भी खुशी का पैमाना नहीं हो सकता। आज ऐसे कई बड़े सेलिब्रिटी उदाहरण हैं, जिनके पास खूब पैसा है, ऐशो-आराम है, लेकिन फिर भी वे दुखी हैं। इसकी वजह है उनका निजी जीवन, उनका बिखरा परिवार।

दोस्तों हमें समझना होगा कि जब अपनों का साथ हो तो छोटी-छोटी बातों में भी लाख रुपये जितनी खुशी मिल जाती है। पैसे कमाना, मेहनत करना गलत नहीं है, लेकिन अपनों से दूर रह कर, उन्हें समय न देकर, खुद को पूरी तरह काम में झोंककर आखिर हम किस खुशी के पीछे भाग रहे हैं? बड़े होटलों में डिनर करना, कार में घूमना, बंगले में रहना इन सब के सपने जरूर देखें लेकिन साथ ही परिवार के साथ पानी पुरी का मजा लें, साइकिल चलाएं, बच्चों के साथ खेलें, छोटे से घर में बिजली जाने के बाद होने वाले गपशप का आनंद भी लें। यही असली आनंद है।

3. कोई भी परफेक्ट नहीं है, आप भी नहीं

इस सत्य को स्वीकारें कि दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं है। आप भी नहीं हो। आपको भले ही लगे कि आप सबसे ज्यादा इंटेलिजेंट हो, खूबसूरत हो, स्मार्ट हो, लेकिन यह आपकी गलतफहमी है। आपसे बेहतर कोई न कोई जरूर होगा ही। वह आपके ऑफिस में होगा, घर में होगा। आपको कई मौकों पर उसकी वजह से पीछे भी किया जायेगा और यही जीवन का कड़वा सच है। इसमें जलने की कोई बात नहीं है।

खुद की सामनेवाले से तुलना करना भी बेवकूफी है। आप जैसे हो, अपनी जगह ठीक हो। जब आप खुद को अपने असली रूप में, कमियों के साथ स्वीकारेंगे, तभी लोग आपको स्वीकारेंगे। हर कोई अपनी किस्मत से बेहतरीन अवसर पा रहा है। आप भी कोशिश जारी रखें, बस खुद को बेस्ट समझने की गलतफहमी व घमंड न पालें।

4. सभी को खुश रखना नामुमकिन है

यह बात खासतौर पर महिलाओं के लिए है, क्योंकि वे ही परिवार के हर सदस्य को खुश रखने की, उनका दिल जीतने की कोशिशों में दिन-रात लगी रहती हैं, लेकिन फिर भी हर बार फेल हो जाती हैं और दुखी होते हुए सोचती हैं कि आखिर मैं क्या करूं कि फलां व्यक्ति मुझसे खुश हो जाये? हमें समझना होगा कि हर किसी का स्वभाव, संस्कार अलग-अलग होते हैं इसलिए सभी को खुश करना बहुत मुश्किल है

कभी कुछ मौकों पर आपने ऐसा कर भी लिया तो आप नोटिस करोगे कि सभी को खुश करते-करते आप दुखी हो गये हो। उदाहरण के तौर पर घर में किसी को आलू पसंद है, किसी को बैंगन और किसी को गोभी। तो अगर आप सभी को खुश करने के लिए तीन-तीन सब्जियां बनाओगे तो वे तीनों भले ही खुश हो जायेंगे, लेकिन इतने काम करते-करते आप जरूर दुखी हो जाओगे।

सोचने वाली बात यह भी है कि आप ये सब रोज नहीं कर सकते। कभी न कभी कोई न कोई नाराज होगा ही। इसलिए यह सच स्वीकार कर लें कि सभी को खुश नहीं रखा जा सकता। कोई नाराज हो गया तो होने दें। टेंशन लेने की जरूरत नहीं। आप सबसे पहले खुद की खुशी को महत्व दें।

5. बिना हार के अनुभव के जीत नहीं मिलती

सफलता उन्हीं लोगों को मिलती है, जो कई बार असफल हुए लेकिन उन्होंने असफलता से घबराकर घुटने नहीं टेके। यह जीवन की सच्चाई है कि जो भी व्यक्ति सफल हुआ है, उसने कई असफलता का सामना किया है। सफलता किसी को यूं ही प्लेट में परोसकर नहीं मिलती। हार चखनी ही पड़ती है।

कई लोग ऐसे हैं, जो अमीर होने का सपना देखते हैं, नौकरी छोड़कर बिजनेस करने के बारे में सोचते हैं, लेकिन फिर कदम पीछे कर लेते हैं, ये सोचकर कि कहीं असफल हो गया तो? यहीं वह गलती कर देते हैं। उन्हें सक्सेसफुल लोगों को देख प्रेरणा लेनी होगी, उनका संघर्ष देखना होगा क्योंकि उन्होंने भी रिस्क लिया, असफल हुए लेकिन बार-बार प्रयास किया। अगर वे भी हार के डर से कोशिश नहीं करते तो कभी बड़े बिजनेसमैन या सफल व्यक्ति नहीं होते। याद रखें कि असफलता मिलना अच्छी बात है, क्योंकि यह आपको हर बार एक नया सबक देती है। मजबूत बनाती है।

6. बुरा वक्त आता है, तो सब बदल जाते हैं

हम अक्सर खुद पर गर्व करते हैं कि लोग मुझे कितना पसंद करते हैं, मेरी हां में हां मिलाते हैं, मेरी इज्जत करते हैं, मुझसे पूछे बिना तो एक पत्ता भी नहीं हिलता। वगैरह… वगैरह… ये सब हमारी गलतफहमी है। जिंदगी का कड़वा सच यह है कि जब तक लोगों को आपसे काम है, मतलब है, आपसे फायदा मिल रहा है, तब तक ही वो आपको प्यार, इज्जत देते हैं। जब आप किसी काम के नहीं रहते, तब आपको कोई पहचानेगा भी नहीं।

यकीन न हो तो अपने आसपास के किसी बुजुर्ग से पूछ लें। वे बतायेंगे कि जब वे पैसे कमाते थे, बड़े पद पर थे, तो ऑफिस में हर कोई उन्हें सलाम करता था, रिश्तेदार फोन लगाकर हालचाल पूछते थे, बर्थडे विश करते थे, परिवार के लोग हर बात के लिए इजाजत लेते थे, लेकिन अब जब वे रिटायर हो गये हैं, कोई उन्हें नहीं पूछता। बहुत गिने-चुने ही लोग होंगे, जो आपके पद, पैसे से नहीं, बल्कि आपसे प्यार करते होंगे और हमेशा आपके साथ रहेंगे। वे लोग ही असली दौलत हैं।