कभी भी हाउस वाइफ से न कहें ये 5 बातें

कभी भी हाउस वाइफ से न कहें ये 5 बातें

हमें बचपन से ये सिखाया जाता है कि बड़ों से कैसे बात करें, बच्चों से कैसे बात करें, टीचर से कैसे बात करें, पैरेंट्स से कैसे बात करें। बड़े होने पर सिखाया जाता है कि ऑफिस के कुलिग से कैसे बात करें, बॉस से कैसे बात करें, अनजान लोगों से कैसे बात करें… लेकिन कभी कोई ये नहीं बताता कि किसी हाउस वाइफ से कैसे बात करें… जबकि ये जानना बहुत जरूरी है

यहां हम बात सिर्फ पुरुषों को लेकर नहीं कर रहे, महिलाओं को लेकर भी कर रहे हैं। कई बार जाने-अनजाने में पुरुष के साथ-साथ कामकाजी महिलाएं भी हाउस वाइफ्स को ऐसा कुछ कह जाती हैं, जो उनका दिल तोड़ देता है… उन्हें डिप्रेशन में डाल देता है… उनकी मुस्कुराहट छिन लेता है।

अगर आपके घर में हाउस वाइफ है, अगर आप किसी हाउस वाइफ को जानते हैं, जानती हैं, तो ये आर्टिकल जरूर पढ़ें ताकि अगली बार आप उनसे बात करते वक्त सावधानी रख सकें। हां, अगर आपको ये पढ़ने के बाद लगे कि आपने भी ऐसी गलती की है, तो उन्हें जाकर सॉरी जरूर कहें।

1. तुम दिनभर घर में आखिर करती क्या हो?

जब भी पति ऑफिस से घर आते हैं और घर में कोई काम उन्हें पूरा हुआ नजर नहीं आता… या जब भी उन्हें बच्चों की कोई गलती दिखाई देती है… वे इस एक लाइन को बोल देते है ‘यार, तुम दिन भर घर में करती क्या हो? ये सब देख नहीं सकती?’ वे तो इस लाइन को बोलकर, अपना गुस्सा निकाल कर दूसरे कामों में व्यस्त हो जाते हैं, लेकिन पत्नियां यानी गृहणियां इस लाइन को अपने भीतर ही भीतर हजार दफा बोलती हैं। उन्हें इतनी ठेस पहुंचती है कि आप उसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते।

आपको क्या पता कि वे दिनभर किस तरह घर के हर छोटे-बड़े कामों में पिसती रहती हैं। बच्चों को संभालते-संभालते, उनका होमवर्क कराते, उनके साथ खेलते, उनकी जरूरतों को देखते हुए वे पूरा दिन निकाल देती हैं और आप बस एक छोटी सी कमी दिखाई देने पर इतना बड़ा स्टेटमेंट दे देते हैं कि ‘तुम घर पर करती ही क्या हो?’ कभी अपनी पत्नी की तरह घर पर रहकर उनकी तरह ही सारे काम कर के देखें, आप हफ्ते भर भी ये भूमिका नहीं निभा पायेंगे।

2. दोपहर में तो मजे से सोती हैं, टीवी देखती हैं

कई बार पति अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के बीच बातों-बातों में कह देते हैं कि बस सुबह का खाना बनाकर मुझे ऑफिस और बच्चों को स्कूल भेजा कि पत्नी फ्री हो जाती हैं। पूरी दोपहर टीवी देखती है या सोती है। हम बेचारे ऑफिस में काम करते रहते हैं। इनकी लाइफ बड़ी आराम की है, दोपहर को मजे से सो जाओ…’ ये बोलकर भी आप अपनी पत्नी का अपमान करते हैं, उनका दिल दुखाते हैं।

आपने जितने सेकेंड में ये काम बोले, दरअसल ये काम इतने सेकेंड में पूरे नहीं होते। और इनके अलावा भी कई काम होते हैं, जो पुरुषों को यूं नजर नहीं आते, लेकिन करने पड़ते हैं और उनमें काफी वक्त लगता है। अगर पत्नी दोपहर को दो घंटे बिस्तर पर लेट भी जाये तो भी आप ये नहीं कर सकते, क्योंकि वो सुबह उठी भी सबसे पहले हैं और रात को सोयेंगी भी सबके बाद में सारे काम निपटा कर। इसलिए ये बोलने की गलती कभी न करें।

3. पार्लर, शॉपिंग का ताना मारना बंद करें

‘तुम महिलाओं के पास काम ही क्या है पार्लर जाने, शॉपिंग करने के अलावा’। ये ताना मजाक में हर कोई मारता है। पत्नी भले ही महीने में एक बार पार्लर जाये, लेकिन अगर वह बोले कि मैं पार्लर जाकर आती हूं.. तो पति के साथ-साथ सास भी ऐसे ताने मार देती है कि कितनी बार पार्लर जाती है, और कोई काम नहीं क्या। इसको तो बस बाहर घूमने का बहाना चाहिए।

आप ये नहीं समझ पाते कि जो दिन-रात घर के कामों में पिसती है, उसके लिए ये छोटी-छोटी बातें कितनी मायने रखती हैं। पार्लर में कराये गये छोटे-मोटे काम उसे खुशी देते हैं, वह खुद को सुंदर महसूस करती है। एक हेयर कट उसे 2-3 महीने खुश रहने का कारण दे देता है।

यही बात शॉपिंग को लेकर भी है। जब पति ऑफिस जाकर काम करते हैं तो उन्हें सैलरी मिलती है। लेकिन जो महिलाएं घर में काम करती हैं, उन्हें कभी सैलरी नहीं मिलती। उनके लिए छोटी-मोटी शॉपिंग, साड़ी, सैंडल, पर्स, पार्लर के लिए आपसे पैसे लेना एक तरह से यही सैलरी है। वैसे अगर आप सचमुच उनके काम का हिसाब लगाने लग जाएं तो आपको पता चलेगा कि वे उनकी सैलरी का एक चौथाई भी नहीं मांग रही, न खर्च कर रही हैं।

4. कैसी दिख रही हो, खुद पर ध्यान क्यों नहीं देती

पत्नी के बिखरे हुए बाल, बेढंगा से बनाया हुआ जूड़ा, फटी एड़िया, ड्राय स्किन, चेहरे की झुर्रियां, कठोर हाथ देख कर पति कई बार कह देते हैं कि ‘दिनभर घर मैं खाली बैठी रहती हो, खुद पर ध्यान क्यों नहीं देती’। माना कि आप ये उन्हें सुंदर दिखाने के लिए, उनकी भलाई के लिए कह रहे हैं लेकिन आपने बोलने का तरीका गलत चुना।

कोई महिला घर में फ्री नहीं होती। ये बात अब तक हम कई बार बता चुके हैं। अगर आप सच में चाहते हैं कि आपकी पत्नी अपनी इन कमियों पर काम करे, इन्हें ठीक करे, सुंदर दिखने की कोशिश करे तो आपको उनकी मदद करनी होगी। उन्हें उनका ‘मी टाइम’ देना होगा। छुट्‌टी के दिन घर की कमान अपने हाथ में लेकर उन्हें एक दिन की छुट्‌टी देनी होगी। आराम देना होगा। अपने काम खुद करने होंगे। घर के कामों में हाथ बंटाना होगा।

5. बाहर जाकर काम करोगी तो पता चलेगा

कई बार पति ऑफिस के कामों, बढ़ते खर्च व कम सैलरी को लेकर तनाव में रहते हैं और अपना सारा गुस्सा पत्नी पर निकाल देते हैं। ‘तुम्हें क्या पता ऑफिस में मुझे कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं, तब जाकर सैलरी मिलती है।’ ‘मैं इतनी मेहनत से कमा कर लाता हूं और तुम्हें इन्हें यूं ही उड़ा देती हो।’ ‘आखिर इतने पैसे तुमने खर्च कहां किये।’ ‘घर पर रहना आसान है, बाहर जाकर काम करो, तब पता चलेगा तुम्हें मेहनत किसे बोलते हैं। पैसे पेड़ पर नहीं उगते।’

अक्सर गुस्से में इस तरह की लाइनें हम बच्चों के साथ-साथ पत्नी को भी कह देते हैं। माना कि आप तनाव में हैं, लेकिन ये सब बोलने के बोलने 100 बार सोचें। अगर आपको लगता है कि पत्नी फिजूल खर्च कर रही है तो उन्हें प्यार से बिठाकर समझा सकते हैं। लेकिन ये बाहर जाकर काम करने का ताना मारना सही नहीं।