स्टूडेंट्स में होनी चाहिए ये 10 लाइफ स्किल्स

स्टूडेंट्स में होनी चाहिए ये 10 लाइफ स्किल्स

हर व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए कुछ खास स्किल्स की जरूरत होती है। आप इन्हें जितनी जल्दी सीख लें, उतना बेहतर है। अगर आप स्टूडेंट हैं, तो यही सही समय है इन स्किल्स को सीखने का और अपने जीवन में इन्हें आजमाने का। ये ऐसी स्किल्स हैं, जो न सिर्फ सिर्फ करियर में आपकी मदद करेंगी, बल्कि आपकी ओवरऑल पर्सनालिटी को निखराने में भी काम आएगी। आइए जानते हैं कि वे कौन-सी स्किल्स हैं, जिन्हें हमें सीखना चाहिए।

1. पढ़ना

आप सोचेंगे कि हर स्टूडेंट पढ़ाई करता ही है, इसमें नया क्या है? लेकिन आपको यह समझना होगा कि पढ़ने का सही तरीका क्या है? उसका फायदा क्या है? कई लोग पूरा-पूरा पेज पढ़ लेते हैं, लेकिन जब पूछा जाता है कि क्या समझ आया? तो कुछ कह नहीं पाते। कई लोग नॉवेल पढ़ लेते हैं, लेकिन कुछ महीनों बाद ही उसकी कहानी भूल जाते हैं, ठीक से बता नहीं पाते।

आपको ऐसी गलती नहीं करनी। आप सिर्फ पढ़ने के लिए न पढ़ें। चीजों को समझते जाएं। किताब में लिखी बात का अर्थ समझने की कोशिश करें। खुद से सवाल पूछें। सोचें कि ये जो पढ़ रहे हैं, उसे जीवन में कहां इस्तेमाल किया जा सकता है। पढ़ते वक्त नोट्स बना सकते हैं, अंडरलाइन कर सकते हैं। इससे भी काफी मदद मिलती है।

2. अपनी बात कहने की कला

स्टूडेंट्स के साथ ऐसा बहुत बार होता है कि उन्हें जवाब तो आता है, लेकिन वह कैसे कहें, कैसे लिखें, ये पता नहीं होता। अपनी इस कमी को ठीक करें। बार-बार प्रैक्टिस करें, पॉइन्ट्स याद कर लें। इससे मदद मिलेगी। इस स्किल को सीख लेंगे तो रिश्तों में भी खुलकर बोल पायेंगे।

आपको बस खुद को छोटा, कमजोर नहीं समझना है। कॉन्फीडेंस के साथ अपनी बात बोलनी है। छोटे सरल वाक्यों में अपनी बात कहें। ज्यादा कठिन शब्द और लंबी-लंबी लाइनें बोलने से प्रभाव पड़ेगा, ऐसा कभी न सोचें। किन-किन टॉपिक्स पर बोलना है, उसके कीवर्ड याद कर लें, बस।

3. नेगोसिएशन

आपको सामनेवाले व्यक्ति को बातचीत से अपनी बात मनवाते आना चाहिए। यह बहुत जरूरी स्किल है। अगर आपको टीम लीड करना है, लीडर बनना है तो ये स्किल बहुत जरूरी है। वैसे ये तब भी काम आयेगा जब आपको पैरेंट्स को मनाना है और तब भी काम आयेगा जब आपको कम कीमत में कोई चीज खरीदना है।

मार्केटिंग फील्ड के लोगों के लिए यह बहुत काम की स्किल है। सामनेवाले को अपनी बात मनवाने के लिए आपको संबंधित चीज का फायदा-नुकसान, सही-गलत आदि का चार्ट बनाना आना चाहिए ताकि पॉइन्टवाइज उन्हें समझा सकें। आपको कॉन्फीडेंट रहना हैं। साथ ही ऑप्शन तैयार रखना है कि अगर सामनेवाला न माने तो क्या ऑप्शन देना है। विन-विन सिचुएशन क्या होगी, ये भी तय करें।

4. टाइम मैनेजमेंट

यह स्किल स्टूडेंट के लिए बहुत जरूरी है। अभी आप अपना एक-एक मिनट कहां, किस काम में बिताते हैं, ये सारी बातें ही आपके भविष्य को तय करती है। आपको अभी खुद से ये सवाल पूछना चाहिए कि आज से 10 साल बाद आप खुद को कहां देखते हैं? आपका जवाब जो भी हो, उसके लिए आपको अभी से टाइम मैनेज करना होगा।

आपको अभी का वक्त हर उस चीज का सीखने में बिताना चाहिए, जो आपको लक्ष्य को पाने में मदद करेंगी। फिर वह स्कूल की पढ़ाई हो या कोई शॉर्ट टर्म कोर्स। इंगलिश डेवलपमेंट क्लास, पेपर पढ़ना, बुक्स पढ़ना, पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्लास जॉइन करना, कंप्यूटर कोर्स करना जैसी चीजें आपको और बेहतर बनाती हैं।

आप अपने बाकी गुणों को भी निखार सकते हैं जैसे सिंगिंग, ड्रॉइंग, डांसिंग, स्पोर्ट्स आदि। कहने का मतलब ये है कि टाइम वेस्ट नहीं करना है। सोते हुए, सोशल साइट्स देेखते हुए, गॉसिप करते हुए घंटों गुजारने से बेहतर है कि टाइम मैनेजमेंट कर कुछ अच्छा सीखें।

5. सेल्फ मोटिवेशन

कभी न कभी सभी के साथ ऐसा होता है जब हम लो फील करते हैं। जिंदगी से हताश होते हैं। हारा हुआ महसूस करते हैं। कुछ करने का मन नहीं होता। ऐसे समय से खुद को बाहर निकालने के लिए हम सभी को कुछ उपाय पता होने चाहिए। हमें किसी का इंतजार करने की जरूरत नहीं है कि कोई आयेगा और हमें इस माहोल से निकालेगा।

हमें सेल्फ मोटिवेशन के तरीके पता होने चाहिए। हर इंसान के लिए ये अलग-अलग हो सकते हैं। आपको अपना तरीका तलाशना होगा, जिससे आप एनर्जी से भर जाओ और दुबारा काम में लग जाओ, पढ़ाई में लग जाओ, खुश हो जाओ। ये मोटिवेशन गाने हो सकते हैं। बाहर घूमना हो सकता है। फेवरेट कॉमेडी शो या मूवी हो सकती है। खुद के लिए पॉजीटिव अफेरमेशन बोलना हो सकता है।

6. सुनने की कला

बोलना सीखने के साथ-साथ हमें यह भी पता होना चाहिए कि कब चुप रहना है। कई बार ऐसा होता है कि हम लोगों को अपना ज्ञान बताने के लिए लगातार बोलते जाते हैं। कभी-कभार ये ठीक है, लेकिन हमेशा नहीं। जब हम अपना ज्ञान नहीं बताते, अपने विचार नहीं बताते, तब हमें दूसरों के ज्ञान और विचारों को सुनते हैं।

हम दूसरों को बोलने का मौका देते हैं और उनसे कुछ नया सीखते हैं। एक बात ये भी है कि जो व्यक्ति लगातार बोलता रहता है, बातुनी होता है, उस पर लोग कम भरोसा करते हैं। वहीं जो शांति से सुनता है, कम बोलता है, सुनता-समझता है, उस पर लोग ज्यादा भरोसा करते हैं।

7. बॉडी लैंग्वेज

भले ही आप ज्ञान का भंडार हो, लेकिन अगर आपको अपनी बात कहते नहीं आता, तो सब बेकार चला जाता है। इसी में आपकी मदद करती है बॉडी लैंग्वेज,बोलते वक्त हाथ बांधकर खड़े रहने की बजाय बीच-बीच में हाथ हिलाते रहना चाहिए। मुस्कुराना चाहिए। आइ कॉन्टेक्ट बनाये रखना चाहिए। हाथ मजबूती से मिलाना चाहिए।

इसके साथ ही अपने लुक पर भी ध्यान देंगे तो बेहतर है। कपड़े साफ-सुथरे हों। जूते पॉलिश हो। बाल सलीके से जमे हो। नाखून साफ हो। मुंह से या आपके पास से बदबू न आये।

8. टास्क पूरा करना

कोई भी काम मिले, उसे पूरा किये बिना हार नहीं मानना भी एक कला है। फिर वह स्कूल का प्रोजेक्ट हो या अपना कमरा साफ करना। कई स्टूडेंट्स टास्क देखकर घबरा जाते हैं, उन्हें लगता है कि वे कर नहीं पायेंगे। ये सोचकर वे बड़ों की मदद ले लेते हैं, उन्हें कहते हैं कि वे उनका टास्क पूरा कर दें। ये तरीका ठीक नहीं।

जब-जब आप खुद अपना टास्क पूरा करते हैं, तो आप कुछ नया सीखते हैं। कॉन्फीडेंस बढ़ता है इसलिए अपना हर काम खुद करें। टास्क को छोटे-छोटे भागों में बांट लें और फिर छोटे-सा टास्क उठा कर उसे करना शुरू कर दें। धीरे-धीरे कब आप उस बड़े टास्क को पूरा कर लेंगे, आपको पता भी नहीं चलेगा।

9. सहानुभूति

यह स्किल आपको एक बेहतर इंसान बनाती है। इसके लिए बस आपको खुद को दूसरों की जगह पर रख कर सोचना है। बिना किसी की कहानी जानें, उसे जज नहीं करना है। लोगों को माफ करना सीखना है। दूसरों की मदद करना है।

अमीर-गरीब, ऊंची जाति-नीची जाति, बड़ा-छोटा इन सब को दूर रखकर सभी को बराबर सम्मान व इज्जत देनी है। उनसे व्यवहार करना है। सभी से विनम्रता से बात करना है। ये गुण आपके अपनों से भी संबंध सुधारेगा और भविष्य में जब आप किसी ऑफिस में काम करेंगे तो भी आपकी मदद करेगा।

10. झगड़ा रोकना, सुलझाना

आपको यह पता होना चाहिए कि किस बात से झगड़ा बढ़ सकता है। किस बात पर बहस करना जरूरी है और किस बात पर नहीं। हमेशा याद रखें, किसी भी बात का जवाब दें, प्रतिक्रिया न दें। समस्या पर फोकस करें, व्यक्ति पर नहीं

उदाहरण के तौर पर अगर क्लास में किसी ने आपके लेट आने की शिकायत टीचर से की, तो अगली बार समय पर आएं। ना कि उस शिकायत करने वाले से झगड़ा करें। हां, आप उसे विनम्रता से, आदर के साथ समझा सकते हैं कि मेरे मामलों से दूर रहें। आपको हमेशा अपनी टोन का ख्याल रखना है। किसी को ताना नहीं मारना है। सामनेवाले को बोलने का मौका देना है।