एग फ्रीजिंग करवा कर मनचाही उम्र में बनें मां

एग फ्रीजिंग करवा कर मनचाही उम्र में बनें मां

एक समय था जब पैरेंट्स को लड़की की शादी की जल्दबाजी होती थी। लड़कियां भी शादी के कुछ समय बाद ही करियर को ब्रेक देकर फैमिली आगे बढ़ाने की सोचने लगती थी। उन्हें डर रहता था कि उम्र ज्यादा हो गयी, तो प्रेग्नेसी में दिक्कत आयेगी। लेकिन अब ये डर खत्म हो गया है।

इसके लिए मेडिकल साइंस को थैंक्यू कहना चाहिए, जिसने एग फ्रीजिंग जैसा तरीका इजात किया, जिससे महिलाएं अपनी इच्छानुसार, मनचाहे वक्त में मां बन सकती हैं। उन्हें अपने करियर से समझौता करने की भी जरूरत नहीं है और न ही बढ़ती उम्र के दबाव के चलते मानसिक रूप से तैयार न होने के बावजूद बच्चे को जन्म देने की।

इसके अलावा अगर उन्हें अपनी पसंद का जीवनसाथी न मिले, तो केवल मां बनने के लिए शादी करने की भी जरूरत नहीं है। अगर वे चाहे तो बिना जीवनसाथी के ही सिंगल मॉम बन सकती है। ठीक वैसे जैसे एकता कपूर बनीं।

एकता कपूर ने करवाया था एग फ्रीज

टीवी और फिल्मों की मशहूर प्रोड्यूसर एकता कपूर बेटे रवि की सिंगल मदर हैं। एकता कपूर भले ही 43 साल की उम्र में सरोगेसी के जरिए मां बनी हों, लेकिन उन्होंने अपने एग्स को 36 साल की उम्र में ही फ्रीज करवा लिया था।

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ‘मुझे काफी समय से यह महसूस हो रहा था कि मुझे मां बनना है। मुझे लगा कि हो सकता है मैं शादी करूं, हो सकता है ना करूं। अगर शादी करूं भी तो बहुत देर से करूं। या फिर ये भी हो सकता है कि कभी शादी करूं ही ना क्योंकि मैं सिर्फ करना है इसलिए कोई काम नहीं करती।'

कौन-सी महिलाएं करवा रही एग फ्रीज

ज्यादा पढ़ी-लिखी महिलाएं, जिन्हें अभी तक अपनी बराबरी का जीवनसाथी नहीं मिला है, वे करवा रही हैं। बहुत सी करियर ओरिएन्टेड महिलाएं एग्स फ्रीजिंग करवा रही हैं। ऐसी महिलाएं इस तरीके को अपना रही हैं, जो फैमिली शुरू करने में जल्दबाजी नहीं चाहती और इस बात को भी समझती हैं कि अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने पर कई तरह के कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं

एक्ट्रेस मोना सिंह भी इनमें से एक हैं, जिन्होंने कुछ समय पहले ही अपने दोस्त से शादी की। उन्होंने भी अपने एग फ्रीज करवा रखे हैं। उनका भी यही कहना है कि वे शादी के बाद के समय को एंजॉय करना चाहती हैं। पति के साथ घूमना-फिरना चाहती हैं, इसलिए उन्हें बेबी के लिए कोई जल्दबाजी नहीं करनी हैै और इसी कारण उन्होंने एग फ्रीज करवा लिये थे।

क्या है एग फ्रीजिंग?

इस प्रोसेस में महिला के गर्भाशय से हेल्दी एग्स को निकालकर मेडिकल सुपरविजन में स्टोर करके रखा जाता है। बाद में जब भी महिला प्रेग्नेंट होना चाहती है तो उन एग्स को फर्टिलाइज करके भ्रूण बनाकर महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसमें किसी तरह का कोई गंभीर खतरा नहीं है और यह तरीका बेहद आसान भी है।

डॉक्टरों का कहना है कि महिलाओं की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है, क्रोमोसोमल अब्नोर्मलिटी की संभावना बढ़ती है और इसके साथ मिसकैरेज, जन्म दोष या ऐसे विकारों का खतरा बढ़ता है जो गर्भधारण अधिक कठिन बनाते हैं। ऐसी महिलाएं, जो अपने मां बनने की कैपेसिटी को ज्यादा सालों तक बनाये रखना चाहती हैं, उनके लिए यह बेहतरीन ऑप्शन है।

किस उम्र में एग फ्रीज करवाना बेस्ट है?

एक महिला के गर्भधारण के लिए 20 से 30 साल तक की उम्र बेहतरीन होती है। इस समय तक महिला के अंडाशय में बड़ी संख्या में हेल्दी एग बनते हैं। जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, उसके एग की क्वालिटी और क्वांटिटी में कमी आती जाती है। कई महिलाओं को लगता है कि जब तक मासिक धर्म आ रहे हैं, वे मां बन सकती हैं, लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि मेनोपॉज से 10 से 15 साल पहले नियमित मासिक धर्म चक्र होने के बावजूद, ओवेरियन कार्यों में गिरावट आने लगती है। इससे मां बनने में परेशानी आती है। साथ ही बच्चे में भी किसी प्रकार की कमी हो सकती है।

डॉक्टरों की मानें तो 34 साल की महिला को अपने 10 एग्स फ्रीज करवाने की जरूरत है, जबकी वही महिला अगर 37 की उम्र में एग्स फ्रीज करवाती है तो उसे 20 एग्स, 42 की उम्र में करवाती है, तो उसे 61 एग्स फ्रीज करवाने की जरूरत होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि उम्र पर निर्भर करता है कि इम्प्लांटेशन सफल होगा या नहीं।

क्या है एग फ्रीजिंग की तरीका?

फ्रीजिंग के लिए एग निकालने के लिए आमतौर पर एक महिला को 10 से 12 दिनों के लिए हार्मोनल उत्तेजना के लिए दवाई दी जाती है, जिससे कई अंडे परिपक्व होने में सक्षम हो जाते हैं। अल्ट्रासाउंड की मदद से योनि में डाले गए उपकरण का उपयोग करके अंडे अंडाशय से एकत्र किए जाते हैं। यह प्रक्रिया हल्के जनरल एनेस्थेटिक या सेडेशन देकर की जाती है। इस प्रक्रिया के 1 घंटे बाद घर जा सकते हैं। ज्यादातर महिलाओं में से लगभग 15 अंडे एकत्र किए जाते हैं, हालांकि जिन महिलाओं के अंडाशय में अंडों की कम संख्या होती है उनके लिए यह हमेशा संभव नहीं हो पाता है।

जब महिला अपने फ्रीज किये हुए अंडे उपयोग करना चाहती है, तो अंडे को पिघला दिया जाता है और जो अंडे सुरक्षित बचे रहे उन्हें महिला के साथी या डोनर के शुक्राणु से लैब में मिला दिया जाता है।

एग फ्रीजिंग में होने वाला खर्च

एग फ्रीजिंग प्रक्रिया में कितना खर्च आयेगा, ये अलग-अलग क्लिनिक पर निर्भर करता है। इसलिए बेहतर है कि सभी क्लिनिक में खर्च पता कर लें। सुविधा देख लें। तुलना करके के बाद ही एक क्लिनिक सलेक्ट करें। वैसे यह प्रोसेस दो भागों में होती है तो कीमत भी दो भागों में बांटी गयी है।

पहली प्रोसेस में एग्स को महिला से निकालने और उन्हें फ्रीज करने की प्रोसेस शामिल है। इस प्रोसेस की कीमत 50 हजार से 1 लाख तक होती है। दूसरी प्रोसेस में एक बार जब एग फ्रीज हो जाता है तो उन्हें फ्रोजन स्टेट में रखने की कीमत 15 हजार से 30 हजार रुपये सालाना हो सकती है। यानी जितने सालों तक एग्ज संरक्षित रखेंगे, खर्च उतना अधिक होगा।

एग फ्रीजिंग की सफलता दर

लगभग 90 प्रतिशत एग फ्रीज करने और पिघलाने की प्रक्रिया के दौरान जीवित रहते हैं और लगभग 75 प्रतिशत सफलतापूर्वक भ्रूण में बदले जा सकते हैं। एग फ्रीज करवाते वक्त आपकी उम्र जितनी अधिक होगी, भविष्य में आपके गर्भ धारण में सफलता की संभावना उतनी कम हो जाती है।

क्या है एग फ्रीजिंग के फायदे

  • आप अपने कैरियर को दिये जाने वाले साल अगर प्रेगनेंसी में नहीं बिताना चाहती तो ये अपना सकती हैं। इससे आप बाद में कैरियर में सेटल होने के बाद बिना किसी तनाव के एक हेल्दी बच्चे को जन्म दे सकते हैं।
  • शादी के बाद आप अगर अपने जीवनसाथी को बेहतर तरीके से जानना चाहती हैं या उनके साथ कुछ साल घूमने-फिरने एन्जॉय करने में बिताना चाहती हैं, तो एग फ्रीज करवा सकती हैं।
  • एक बार आपके एग फ्रीज करने के बाद आपको इस बारे में चिंता नहीं रहेगी कि आप कुछ सालों बाद मां बनने योग्य नहीं रहेंगी।
  • इसके अलावा कैंसर या अन्य किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित महिला भी एग फ्रीजिंग करवाकर बाद में मां बन सकती है।
  • इसके अलावा स्किल सेल एनीमिया, ऑटोइम्यून डिजीज या ट्रांसजेंडर होने पर भी इस तकनीक का उफयोग कर मां बना जा सकता है।

एग फ्रीजिंग के नुकसान

हालांकि एग फ्रीज करने की सर्जिकल प्रक्रिया अधिकतर सुरक्षित होती है, लेकिन हार्मोन इंजेक्शन के कारण ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम का खतरा होता है, जो कुछ महिलाओं को बीमार बनाता है। इसके साथ ही कुछ एक मामलों में सभी अंडे जो फ्रीज किये जाते हैं वो सालों बाद जीवित रहेंगे या नहीं, उर्वरक बनेंगे या नहीं। इसकी ग्यारंटी नहीं है।