तारीफ करने से पहले कृपया ध्यान दें

तारीफ करने से पहले कृपया ध्यान दें

ऐसा भला कौन होता है जिसे तारीफ सुनना पसंद नहींं होता। सुनने वाले को तो अपनी तारीफ पसंद आती है। लेेकिन तारीफ कुछ ऐसी होनी चाहिए कि सामने वाले को लगे कि आप उसकी तारीफ मन से कर रहे हैं। आखिर तारीफ करना भी किसी कला से कम नहीं

1. एक दायरा

मान लीजिए कि आप किसी के घर पर खाने पर गए। आपको वह रेसिपी पसंद आई। निंसदेह आपको उसकी तारीफ करनी चाहिए क्योंकि बनाने वाले ने बहुत मेहनत से बनाया है। अगर आपको उसमें डाला गया कोई खास मसाला पसंद आ रहा है या उसका छोंंक तो आप कह सकते हैं कि भुने हुए जीरे या करी पत्ते का टेस्ट बहुत पसंद आ रहा है। जो भी बनाने वाला है उसे यह पसंद आएगा। लेकिन कई लोग तारीफ करने के दौरान ही रेसिपी पूछने लगतेे हैं। यह न करें। हो सकता है कि वह अपनी रेसिपी को सीक्रेट रखना चाह रहा हो

2. आपको सुनना भी होगा

ऐसा होता है कि सामने वाले की जब आप तारीफ करते हैं तो भी अपनी कुछ बात कहना चाहता है। छोटे-से उदाहरण खाने को ही लें। हो सकता है वह जो खाना उसने बनाया है वह उसकी दादी या नानी का हो। इस कहानी को ध्यान से सुनें। वह अगर भावनाओं की गली में जा रहा है तो उसे जाने दें। उसे बीच में रोके-टोके नहीं। बहुत-सी चीजों के साथ हमारी भावनाएं जुड़ी होती हैं। इन भावनाओं का सम्मान करना और उन्हें समझना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

3. अपनी बुराई नहीं

यह आदत बहुत लोगों में होती है कि अगर वह सामने वाले की तारीफ करेंगे तो साथ में अपनी बुराई करना कभी नहीं भूलेंगे। यह न करें। जैसे अगर आपको किसी का ड्रेसिंग सेंस पसंद है तो खुले दिल से कहें। लेकिन यह न कहें कि अरे! मुझे तो कुछ आता ही नहीं। तुम्हें देखो कलर कॉम्बिनेशन कितने खूबसूरत होते हैं। सोचिए जरा दूसरे की तारीफ करने में अपनी बुराई क्यों करनी है? स्मार्ट बनें जैसे आप कह सकते हैं ब्यूटी सेंस तो आपका कमाल का है। मुझे जरूरत होगी तो मैं सलाह लूंगी।

4. बहुत लंबा न खींचें

कई बार लोग भावनाओं में बहकर तारीफों के पुल बांधने लगते हैं। इतनी लंबी-लंबी तारीफें करने लगते हैं कि सामने वाला भी असहज होने लगता है। याद रखें कि आप जितनी लंबी तारीफ करेंगे यह उतनी झूठी लगने लगेगी। जो भी चीज आपको पसंद आ रही है। उसे लंबा न करें। दिल से बोलेें।

5. कहां से और कितने का है?

बहुत लोग तारीफ करते-करते चीजों के बारे में एकदम विस्तार से जानना चाहते हैं। जैसे अगर आप किसी के घर गए और कोई होम डेकोर का पीस पसंद आया तो उस पीस की खासियत के बारे में ही बात करें। आपको उसमें क्या अच्छा लगा यह बताएं। तारीफ करने के दौरान कतई यह जानने की कोशिश न करें कि कहां से लिया और यह कितने का है?