कंसीव करने से पहले पार्टनर से इन बातों को लेकर करें चर्चा

कंसीव करने से पहले पार्टनर से इन बातों को लेकर करें चर्चा

शादी के बाद जब कोई कपल पैरेंट बनता है तो उसके कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी आ जाती है। एक नन्हीं सी जान का ख्याल रखना और उसकी सभी जरूरतें पूरी करना इतना भी आसान नहीं होता। खासतौर से, आज के समय में जब पति-पत्नी दोनों ही वर्किंग होते हैं तो ऐसे में बच्चे की परवरिश सिर्फ आया के भरोसे नहीं की जा सकती है। शायद यही कारण है कि कपल्स अपनी फैमिली को आगे बढ़ाने से पहले बहुत सोच-विचार करते हैं। हो सकता है कि आप भी अब शादी के बाद कंसीव करना चाहती हों, लेकिन बेहतर होगा कि आप ऐसा करने से पहले अपने पार्टनर के साथ कुछ बातों पर चर्चा अवश्य करें-

क्या दोनों सहमत हैं?

पैरेंटिंग एक बिग टास्क है और इसके लिए दोनों पार्टनर्स का सहमत होना आवश्यक है। हो सकता है कि आपकी मां बनने की इच्छा हो, लेकिन आपके पार्टनर इसके लिए अभी तैयार ना हो। वह अभी अपने करियर पर अधिक फोकस करना चाहते हों या फिर मैरिटल लाइफ का भरपूर आनंद लेने की उनकी इच्छा हो। ऐसे में कभी भी पैरेंटिंग का फैसला खुद ना लें, बल्कि पार्टनर से चर्चा करने के बाद ही कोई कदम आगे बढ़ाएं

पैरेंटिंग और फाइनेंशियल स्टेटस

इस बात में कोई दोराय नहीं है कि आज के महंगाई के युग में कपल्स के लिए खुद के खर्चे उठाना ही काफी भारी हो गया है, तो ऐसे में एक नवजात शिशु की जिम्मेदारियां कहीं ना कहीं उन पर फाइनेंशियल प्रेशर बढ़ाएंगी। साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान भी आपको काफी खर्चा करना पड़ सकता है। इसलिए अगर आप कंसीव करना चाहती हैं तो यह अवश्य देखें कि आपका फाइनेंशियल स्टेटस बच्चे को एक अच्छी परवरिश दे सकता है या नहीं। इसके अलावा, आप पार्टनर से बच्चे के भविष्य के लिए की गई सेविंग्स आदि पर भी चर्चा करें। इससे आपको एक सही और बेहतर फैसला लेने में मदद मिलेगी।

पैरेंटिंग जिम्मेदारियां

वो जमाने लद गए, जब पुरूष बाहर जाकर काम करते थे और महिलाएं घर व बच्चों की जिम्मेदारियां संभालती थीं। वहीं, ज्वाइंट फैमिलीज में बच्चे की देख-रेख आसानी से हो जाती थी। आज के समय में एकल परिवारों का चलन बढ़ गया है और घर में दोनों ही पार्टनर्स वर्किंग होते हैं तो ऐसे में कंसीव करने से पहले इस बात पर ध्यान देना भी जरूरी है कि बच्चे के जन्म के बाद उसकी जिम्मेदारियों का निर्वहन किस प्रकार किया जाएगा। सिर्फ महिला के लिए बच्चे की पूरी जिम्मेदारी उठा पाना संभव नहीं है। इसलिए, पहले पैरेंटिंग की जिम्मेदारियों पर चर्चा करें और उसके बाद ही पैरेंट बनने का रास्ता इख्तियार करें।

हेल्थ प्रॉब्लम पर करें चर्चा

यह भी एक अहम् पहलू है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। कई बार लोगों में कुछ हेल्थ प्रॉब्लम्स होते हैं, जिससे उन्हें पैरेंट बनने में समस्या होती है या फिर महिलाओं की हेल्थ प्रॉब्लम्स के कारण कंसीव करने के बाद मिसकैरिज होने की संभावना भी बहुत अधिक बढ़ जाती है। बेहतर होगा कि आप दोनों अपनी हेल्थ प्रॉब्लम्स पर खुलकर चर्चा करें। अगर संभव हो तो इसके लिए किसी हेल्थ एक्सपर्ट की राय लें और आवश्यक सभी टेस्ट करवा लें। अगर सबकुछ सही हो, तभी कोई कदम आगे बढ़ाएं।