बेबी होने के बाद जॉब कैसे शुरू करें

बेबी होने के बाद जॉब कैसे शुरू करें

लड़कियों को अपने पैरों पर खड़ा रहना चाहिए। शादी के बाद भी उन्हें जॉब करना चाहिए ताकि किसी से भी पैसे मांगने की जरूरत न पड़े। पत्नी को घर चलाने में भी पति का हाथ बंटाना चाहिए… जैसी तमाम बातें बीते कुछ सालों में लोगों के दिलों-दिमाग में इस कदर घर कर गयी हैं कि अब हर लड़की अपने पैरों पर खड़े होना चाहती है।

खासकर वे लड़कियां जो शादी के पहले जॉब करती थीं, वे बेबी होने के कुछ समय बाद वापस अपनी जॉब शुरू जरूर करना चाहती हैं। बस उनकी कुछ मजबूरियां होती हैं, जो उन्हें जॉब करने से रोकती हैं या जॉब करते हुए परेशान करती हैं

1. बच्चे को कौन संभालेगा

कई ऐसी महिलाएं हैं, जो बेबी होने के बाद भी जॉब करना चाहती हैं, लेकिन कुछ परिस्थिति ही ऐसी होती है कि वे जॉब नहीं कर पाती। इनमें ज्यादातर महिलाओं की दिक्कत यही होती है कि बच्चे को कौन संभालेगा? ये परेशानी उन महिलाओं के सामने नहीं आती, जिनके घर में बड़े बुजुर्ग होते हैं या संयुक्त परिवार होता है। वे अपने बच्चे को सास-ससुर, जेठानी, देवरानी आदि के भरोसे छोड़कर चली जाती हैं।

लेकिन दिक्कत उन्हें होती है, जो एकल परिवार में रहते हैं। ऐसी स्थिति में महिला तब तक जॉब नहीं कर पाती, जब तक बच्चा झूलाघर या डे केयर में रहने लायक न हो जाएं। यानी लगभग ढाई साल या तीन साल। इसके बाद वे उन्हें झूलाघर में छोड़कर जॉब पर जा सकती हैं।

2. परिवार वाले नहीं करते कोई सपोर्ट

कई महिलाएं संयुक्त परिवार होने के बावजूद इसलिए भी जॉब नहीं कर पाती, क्योंकि उन्हें ससुराल में सपोर्ट नहीं मिलता। पति ऑफिस चले जाते हैं और सास ना घर के किसी काम में मदद नहीं करती और ना ही बच्चे को संभालने में उनका हाथ बंटाती है। जेठानी, देवरानी का स्वभाव भी ऐसा होता है कि वे अपने बच्चों को उनके भरोसे छोड़ नहीं पाती। सास का कहना होता है कि पहले अपने बेटे को पाल-पोसकर बड़ा किया और अब तुम्हारे बच्चे को संभालें? तुम्हारा बच्चा है, तुम संभालो।

वहीं देवरानी, जेठानी को लगता है कि हम इसके बच्चे को संभाले और वह बाहर मजे से घूमेगी। पैसो को रौब जमायेगी। इसके अलावा घर की दूसरी महिलाएं दबाव डालती हैं कि जॉब करने वाली महिला सुबह-सुबह घर के सारे काम कर के ही जॉब पर जाये और फिर जॉब से आकर दोबारा काम में जुट जाये।

अगर वह महिला मदद के लिए बाई रखने का सुझाव देती भी है, तो वे जिद पर अड़ जाते हैं कि बाई नहीं आयेगी। ऐसी परिस्थिति में महिला घर व बाहर दोनों जगहों की जिम्मेदारी नहीं उठा पाती और जॉब करने का इरादा छोड़ देती है।

3. हर बच्चे का स्वभाव अलग होता हैं

कई बार जॉब न कर पाने की वजह बच्चे का स्वभाव होता है। कुछ बच्चों को हैंडल करना बहुत आसान होता है। वे आसानी से घुल-मिल जाते हैं। किसी के पास भी चले जाते हैं। किसी के हाथ से भी खाना खा लेते हैं, नहा लेते हैं। शांत होते हैं।

लेकिन वहीं कुछ बच्चे बहुत जिद्दी होते हैं। दिनभर मां से ही चिपके रहते हैं। मां न दिखे, तो रो-रोकर अपनी तबीयत खराब कर लेते हैं। मां के अलावा किसी के हाथ से खाते नहीं, फिर दिनभर भूखे ही क्यों न रहना पड़े। ऐसे बच्चे होने पर मां जॉब नहीं कर पाती। उन्हें बच्चे के समझदार होने तक, स्कूल जाने तक इंतजार करना पड़ता है

4. दूसरी मम्मियों से तुलना कर खुद पर प्रेशर न दें

अक्सर हमारे आसपास की महिलाएं अपना उदाहरण देकर हम पर जॉब करने का दबाव डालती हैं। पहली कहती हैं ‘मैंने तो अपनी मैटरनिटी लीव खत्म होते ही तुरंत जॉब शुरू कर दी थी। 4 महीने के बेबी को घर पर सास के भरोसे छोड़ जॉब की है।’ दूसरी कहती है ‘मैं तो अपने छोटे से बच्चे को झूलाघर में छोड़कर जाती थी।’ इन दोनों के अनुभव सुन आपको भी लगता है कि शायद आपमें ही कमी है, आप डरपोक हैं, आलसी हैं… वगैरह.. वगैरह…।

लेकिन आपको उन महिलाओं के साथ-साथ खुद को समझाना होगा कि सभी के घर की परिस्थिति अलग होती है। सभी की जॉब अलग-अलग तरह की होती है। घरवालों का सपोर्ट हो, ऑफिसवालों का सपोर्ट सब कुछ अलग-अलग होता है। आपकी सहेली की सास ने बच्चे को संभाला तो जरूरी नहीं कि आपकी सास भी संभाल लेगी। हो सकता है कि आपकी सास बीमार रहती हो। आपकी सहेली की जॉब की टाइमिंग ऐसी हो सकती है कि दोनों पति-पत्नी काम बांटकर बच्चे को संभाल लें, लेकिन आपकी भी टाइमिंग ऐसी हो, ये जरूरी तो नहीं।

इसलिए बेहतर होगा कि दूसरी मम्मियों से खुद की तुलना न करें। अपने बच्चे को टाइम दें और उसके स्वभाव व उसकी ग्रोथ को देखते हुए निर्णय लें कि आपके लिए कब जॉब शुरू करना सही होगा।

5. वर्क फ्रॉम होम होता है बेहतरीन उपाय

ऐसा नहीं है कि बेबी होने के बाद, किसी का सपोर्ट न मिलने पर महिलाएं अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सकती। आज के समय में तो ऐसे कई काम शुरू हो चुके हैं, जो महिलाएं बेबी को संभालते हुए घर से ही कर सकती हैं। वे चाहे तो वेबसाइट्स, न्यूज पेपर, मैगजीन के लिए लिख सकती हैं। खुद का ब्लॉग या वेेबसाइट बना सकती हैं। किसी काम में एक्सपर्ट हैं, तो यूट्यूब वीडियो बना कर उसे लोगों को सीखा सकती हैं, जैसे आर्ट एंड क्राफ्ट के वीडियो, खाना बनाने के वीडियो, गाने व डांस के वीडियो।

वे ट्यूशन ले सकती हैं, सिलाई कर सकती हैं। कपड़े और अन्य प्रोडक्ट्स को बेचने का काम घर से कर सकती हैं। टिफिन सेंटर शुरू कर सकती हैं। इस तरह उन्हें बस सोचना होगा कि वे किस काम में एक्सपर्ट हैं और वे अपने पैरों पर खड़े हो सकती हैं।

6. इन बातों को अच्छी तरह समझ लें

  • जॉब की इच्छा मन में आते ही कई महिलाएं सोचने लगती हैं कि कहीं मैं सेलफिश तो नहीं हो रही? कहीं मैं बुरी मां तो नहीं? कहीं मैं अपनी पहली जिंदगी वापस पाने के चक्कर में बच्चे के साथ नाइंसाफी तो नहीं कर रही? ऐसे तमाम सवाल उन्हें गिल्टी फील कराते हैं। जबकि खुद के बारे में सोचना उनका हक है
  • हर मां का स्वभाव अलग होता है। कुछ में अपने इमोशंस पर इतना कंट्रोल होता है कि वे बच्चे को छोड़कर जॉब पर फोकस कर लेती है, लेकिन कुछ काफी भावुक होती हैं, वे बच्चे को छोड़ बिना चिंता के जॉब नहीं कर पाती। इसलिए खुद पर दबाव न डालें। जब मानसिक रूप से तैयार हो, तब जॉब शुरू करें
  • झूलाघर अपने घर की परिस्थिति को देखते हुए अपने घर के पास या ऑफिस के पास लें। ताकि जरूरत पड़ने पर अपने बच्चे के पास जल्द से जल्द पहुंच सकें।
  • जॉब शुरू करने के कुछ महीने पहले से बच्चे को आपके बिना रहने की आदत डालना शुरू करें। पहले कुछ घंटे के लिए उन्हें सास के साथ छोड़ें, फिर धीरे-धीरे घंटे बढ़ाएं। इस तरह वह तैयार होगा।
  • बच्चा क्या-क्या खाता है, उसे क्या-क्या पसंद है, उसके किस इशारे का मतलब क्या होता है, ये सब बातें उस इंसान को समझाएं जो उसे संभालेगा।
  • अगर बच्चे को झूलाघर में नहीं रख सकती, तो घर पर ही एक मेड रखें, जो दिन भर बच्चे को संभाले। उन पर नजर रखने के लिए घर के सभी कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगा लें।
  • सबसे जरूरी बात। कोई भी चीज पहले दिन से परफेक्ट नहीं होगी। कुछ दिन आपको भी बच्चे को अकेले किसी और के भरोसे छोड़कर जाने में चिंता होगी। बच्चा भी कुछ दिन रोयेगा। असहज होगा। लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक होगा। कम से कम एक महीना इस नये रुटीन में खुद को ढालने में आपको लगेगा।

अगर आपके घर में भी कोई महिला है, जो बच्चे के कारण जॉब शुरू नहीं कर पा रही, तो उसका सपोर्ट करें। यकीन मानिए वह महिला जिंदगीभर आपकी ये मदद याद रखेगी।