इस त्योहार अपने मन की धूल को भी कर दें साफ

इस त्योहार अपने मन की धूल को भी कर दें साफ

त्योहार वह भी खासतौर पर दीवाली के आने पर हम सभी अपने घरों को साफ करते हैं ताकि लक्ष्मी मां प्रसन्न हों, लेेकिन अपने मन पर जमी गलतफहमी और नाराजगी का सोचा है कभी। वह तो तो सालों से जमीं है। इस बार कोशिश करें उसे अपने मन से हटाने की....

जीवन में ऐसा कभी न कभी सभी के साथ होता है कि कोई दोस्त, कोई रिश्तेदार कोई पड़ोसी आपके साथ कुछ ऐसा गलत व्यवहार जरूर कर देता है जिसकी आप उससे कभी अपेक्षा नहीं करते। आपको लगता है कि आपको छला गया। उस समय दिल टूटता है। आपको लगता है कि अरे!मैंने समय क्यों खराब किया? उस वक्त यह होना एक आम प्रतिक्रिया है।

लेकिन सालों गुजर जाने के बाद भी वह घटना आपको दुख दे रही है तो यह समय तो आंकलन करने का है। आखिर क्यों आप उस घटना सेे उभर नहीं पा रहे। कितनी ही बार आपने कुछ महिलाओं के मुंह से सुना होगा कि बच्चे के होने के समय उनकी सास ने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया, उन्हें आराम करने का वैसा मौका नहीं मिला जैसे दूूसरी महिलाओं को मिलता है। या उनकी देवरानी या जेठानी को जीवन भर ससुराल में उनसे ज्यादा अहमियत मिली। यहां हम यह कतई स्थापित नहीं कर रहेे कि यह दुख नहीं है। सच है यह गलत बात है। जो उस समय से गुजरा है यह वही जानता है।

लेकिन आज अगर स्थितियां आपके अनुकूल हैं तो क्यों उन बातों का जिक्र अपनी जुुबां तक लाना जो आपको तकलीफ और आंसू के अलावा कुछ नहीं देती। आप पंद्रह-बीस साल पहले जिस वजह से रोए थे, प्रताडि़त हुए थे। आज क्यों उस दुख को अपने साथ लेकर चलना है। अगर हम और आप कोशिश करें तो निसंदेह इससेे उभर पाएंगे। जानते हैं कैसे?

एक सीख के तौर पर लें

आपके साथ जो हुआ उस घटना को एक सीख के तौर पर लेें। जैसे कि अगर आपको मायके नहीं जाने दिया जाता था तो कोशिश करें कि आपकी बहू के साथ आप वैसा नहीं होनेे देंगी। कहते हैं दुख को एक सीख के तौर पर लेेते हैं तो उस दुख से उभर पाना आसान होता है।

उन्हें माफ करें

जिन भी लोगों ने आपके साथ बुरा किया,उन्हें माफ करने की कोशिश करें। उन्हीं लोगों की कुछ अच्छी बातों को याद करें। आप समझ पाएंगी कि कुछ गलतियां कभी- कभी जाने अनजाने में सभी से होती हैं। कोई भी पूरी तरह सही या गलत नहीं होता।

बातचीत के दरवाजे खोलें

बहुत बार ऐसा होता है कि न सामने वाला गलत होता है और न ही हम। बस एक छोटी गलतफहमी के बहुत पुराने और प्रेमभरे रिश्ते को खत्म कर देती है। अपने दोस्तों से रूठें मनें, झगड़ें। लेकिन रिश्ते में इतनी गुंजाईश बाकी रहे कि आप एक दूसरे से बातचीत जारी रखें। अपनी गलतफहमी को दूर करें।

जीवन में एक बात याद रखें कि इस जीवन रूपी बगिया में फूल और कांटें दोनों ही आपको मिलेंगे। यह आप पर निर्भर करता है कि कितनी समझदारी से कांटों की चुभन को कम कर फूलों से अपनी जीवन को महकाएंगी। इस दीवाली यह कोशिश जरूर करके देखें।