अच्छा पड़ोसी बनने के लिए 6 जरूरी बातें
जब भी हम किसी नये घर में शिफ्ट होते हैं या कोई हमारे पड़ोस में रहने आता है, तो हमें यही चिंता सताती है कि आसपास के लोग कैसे होंगे? पड़ोसी कैसे होंगे? सभी को लगता है कि ऐसा पड़ोसी मिले जो मुसीबत के वक्त पर मदद के लिए आ जाये, जो बेवजह शोर न मचाए, जो हमारी पर्सनल लाइफ में दखलअंदाजी न करे, छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़े न करे… वगैरह.. वगैरह..।
हमें तो पड़ोसी से बहुत उम्मीदें होती हैं, लेकिन क्या हम खुद भी एक अच्छे पड़ोसी है? आज इसी बात पर सीखते हैं कि एक अच्छा पड़ोसी कैसा होना चाहिए।
1. अपने पड़ोसी को जानें
आप शिफ्ट होकर गये हों या कोई और शिफ्ट होकर आपके पड़ोस में रहने आया हो, जितनी जल्दी हो सके, पड़ोसी से जान-पहचान बनाएं। कोई नया रहने आये तो उनसे जाकर मिलें और पूछे कि कोई मदद चाहिए हो तो जरूर बताएं। आप उन्हें चाय-पानी ऑफर करें। क्योंकि वे नये हैं, तो उन्हें उस जगह का कुछ भी पता नहीं होगा इसलिए जब आप मदद का हाथ बढ़ायेंगे तो उन्हें अच्छा लगेगा।
आप उन्हें अपना परिचय दें। फ्लैट नंबर बताएं। अगर वे भी आपसे बातचीत बढ़ाना चाहते होंगे तो वे भी अपना परिचय जरूर देंगे। अगर कोई सिर्फ हां… हू… कर के आपको टालने की कोशिश करे, तो ज्यादा दबाव न डालें। उन्हें खुद बातचीत का मौका दें। इस बात का बुरा भी न मानें, क्योंकि हर इंसान को घुलने-मिलने में वक्त लगता है, सभी का स्वभाव अलग होता है। हो सकता है कि वे शिफ्टिंग के तनाव में हों। इसलिए उन्हें समय दें।
2. जब भी आमने-सामने आएं, स्माइल जरूर करें
लिफ्ट में मिले या कोरिडोर में। मॉर्निंग वॉक के वक्त मिलें या पार्किंग में। पड़ोसी अगर दिखें तो उन्हें स्माइल जरूर करें। इससे सामने वाले को पॉजीटिव वाइब मिलती है। उन्हें यकीन होता है कि आप अच्छे इंसान हैं। मिलनसार हैं और आपसे बातचीत की जा सकती है।
स्माइल के साथ आप हाय, हैलो भी कर सकते हैं। सामनेवाला बातचीत के मूड में दिखे तो किसी बहाने से बात शुरू कर सकते हैं। मौसम को लेकर, डॉगी को लेकर, बच्चे साथ में हो तो उन्हें लेकर भी बातचीत हो सकती है। पड़ोसी को चाय पर आने का ऑफर भी दें। अगर सामनेवाले ने ऑफर दिया तो किसी दिन जरूर चाय पर जाएं।
3. पार्टी में जरूर इनवाइट करें
कई बार लोग बच्चों की बर्थडे पार्टी, मैरिज एनिवर्सरी आदि मौकों पर अपने पुराने दोस्तों को बुलाते हैं, रिश्तेदारों को बुलाते हैं, लेकिन आस-पड़ोस के लोगों को महत्व नहीं देते। उन्हें लगता है कि अभी-अभी रहने आये हैं, जान-पहचान भी नहीं है, अजीब लगेगा। लेकिन सच तो ये है कि इस पार्टी के बहाने ही आप एक-दूसरे को और बेहतर जान पायेंगे। याद रखें कि इमरजेंसी में कई बार पड़ोसी ही काम आते हैं, इसलिए उनसे घनिष्ठता बने तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।
4. पड़ोसी की बुराई से बचें
कुछ लोग पड़ोसी से उनकी पर्सनल बातें पता कर लेते हैं और फिर दूसरे पड़ोसियों को बताते हैं, चुगली करते हैं, बुराई करते हैं। ऐसी गलती कभी न करें। किसी ने आप पर भरोसा कर के आपको अपने इतने करीब आने दिया है, उसका फायदा उठाकर उन्हें बदनाम न करें। इधर की बात उधर करने के स्वभाव के कारण कोई भी पड़ोसी आप पर भरोसा नहीं करेगा और ऐसा न हो कि वे इतना नाराज हो जाएं कि मुसीबत में भी आपकी मदद न करें। पड़़ोसी की बुराई करने से आपकी इमेज भी सब जगह खराब होती है।
5. विभिन्न मौकों पर गिफ्ट दें
त्योहारों पर जब भी हम बॉस या किसी कुलिग के घर जाते हैं तो गिफ्ट देते हैं, रिश्तेदारों के घर भी खाली हाथ नहीं जाते, तो फिर पड़ोसियों को क्यों छोड़ना? त्योहारों पर उन्हें भी याद से गिफ्ट दें। पड़ोसी किसी दूसरे धर्म के भी हो तो भी गिफ्ट दें। उन्हें विश करें। उन्हें बहुत अच्छा लगेगा कि आपने उन्हें के मौके पर याद किया। इसके अलावा जब भी घर में कुछ खास खाने की चीज बने तो उन्हें भी जरूर दें। इस तरह दोस्ती बढ़ेगी, आत्मीयता बढ़ेगी।
6. लड़ाई-झगड़ा बिल्कुल न करें
कई बार ऐसी चीजें होती हैं, जिससे पड़ोसियों में टकराव हो जाता है। जैसे पड़ोसी के बच्चे ने आपके बच्चे को मारा। आपके बच्चे की परीक्षा है और पड़ोसी जोर-जोर से गाने बजा रहा है। ऐसी परिस्थितियों में भी आपको झगड़ा नहीं करना है। अपनी बात बहुत शांत तरीके से उनके सामने रखनी है। अगर आप अभी झगड़ा कर के मामला सुलझाने की कोशिश करेंगे तो हो सकता है कि रिश्ते हमेशा के लिए खराब हो जाएं। वहीं अगर आप समझदारी दिखायेंगे तो हो सकता है कि उन्हें भी उनकी गलती समझ आ जाये।
क्या करें, क्या ना करें -
- चीनी खत्म हो गयी, मिर्च है क्या? इस तरह बार-बार खाने की चीजों को मांगने न जाएं।
- अगर कोई चीज इस्तेमाल के लिए ली है, तो उसे इस्तेमाल के तुरंत बाद लौटाएं। कई दिनों बाद उनके खुद मांगने के लिए आने का इंतजार न करें।
- जब भी कोई खाने की डिश दें तो उनका बर्तन वापस करते वक्त खाली न दें। अपने घर से भी कोई चीज दें। भले ही एक-दो दिन बाद दें, तो चलेगा।
- कभी भी कामवाली बाईयों से पड़ोसी को लेकर सवाल-जवाब न करें। गॉसिप न करें।
- उनसे पर्सनल सवाल न पूछें जैसे- कल रात आपके यहां से झगड़े की आवाज आ रही थी, क्या हुआ?
- हर दिन उनके घर जाकर उनका समय बर्बाद न करें। उन्हें भी आपके घर आने का मौका दें। ये भी देखें कि उन्हें बातचीत करना पसंद है या नहीं?
- अगर पड़ोसी उनकी गैर-हाजरी में आपको कोई जिम्मेदारी दें- जैसे चाबी संभालने की, दूध वाले से दूध लेकर रखने की, बच्चों के देखभाल की, पौधों को पानी देने की तो ऐसी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाएं। उन्होंने आप पर भरोसा किया है, उसे न तोड़ें।
- कभी भी बेवक्त जोर-जोर से गाने न बजाएं। ऐसा कोई काम न करें, जिससे पड़ोसियों को कोई परेशानी हो।
- आपके घर में कल कोई आया था, वो कौन था? आपका क्या लगता है? जैसे जासूसों जैसे सवाल न पूछें। उन्हें ऐसा न लगे कि आप उन पर, उनके घर आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखते हैं।
- अगर पड़ोसी किसी परेशानी में है, जैसे बीमार है, घर में किसी की डेथ हो गयी है तो उन्हें सांत्वना देने जाएं। बार-बार मदद को पूछें, देखें कि उन्हें किस चीज की जरूरत है। खाने का इंतजाम कर दें।
- पड़ोसी के बच्चों से अपने बच्चों की तुलना न करें। जैसे- अगर आपके बच्चे पढ़ाई में अच्छे हैं। उन्होंने टॉप किया है तो पड़ोसी को उनके बच्चों का ताना गलती से भी न मारें।
- कोई भी महंगी चीज खरीदें तो उसका शोऑफ न करें। इससे भी गलत इमेज बनती है।